टीम इंडिया, भई वाह!! आज तो कमाल ही हो गया, जिस तरह से भारतीय रंणबाँकुरों ने पाँचवें और आख़िरी मुकाबले को जीत कर श्रृंख़ला को बराबर कर भारतीय भूमि पर दक्षिण अफ़्रीका की पहली एक दिवसीय श्रृंख़ला विजय का सपना चूर किया, वह वाकई प्रशंसा के योग्य है। कोलकाता में मिली क़रारी हार के बाद बहुत से लोगों को(यहाँ तक कि मुझे भी) यही आशा थी कि आज के अन्तिम मैच में भी भारतीय टीम कुछ ख़ास न कर पाएगी और दक्षिण अफ़्रीका आख़िरकार श्रृंख़ला ले ही जाएगी। पर टीम इंडिया ने जबरदस्त वापसी करते हुए मुम्बई के वानख़ेड़े स्टेडियम में हज़ारों की तदाद में आए दर्शकों को निराश न किया और मैच 5 विकटों से जीत लिया।

पहले क्षेत्ररक्ष्ण का निर्णय लेते हुए कप्तान द्रविड़ ने दक्षिण अफ़्रीका को पहले बल्लेबाज़ी करने के लिए आमंत्रित किया। चाल कामयाब रही और पठान तथा हरभजन ने दक्षिण अफ़्रीकी बल्लेबाज़ों का जीना हराम कर दिया। उनका भरपूर साथ दिया मुरली कार्थिक, सहवाग और युवराज ने। भज्जी ने सिर्फ़ गेंद से ही नहीं बल्कि अपने क्षेत्ररक्ष्ण से भी कमाल दिखलाया। दक्षिण अफ़्रीका के हाल इतने बुरे थे कि पंद्रहवें ओवर के बाद, लगभग बीस ओवर तक उनसे कोई चौका या छक्का ही न लगा और वे बेचारे पिच पर ही पसीना बहते हुए रन बटोरते रहे। वह तो जैक़ कॉलिस और विकेट कीपर मार्क बाउचर ने 81 रन के योगदान से पारी को संभाल लिया वरना दक्षिण अफ़्रीका ने मुँह के बल गिरना था। आख़िरकार दक्षिण अफ़्रीका ने नोच खसोट कर 6 विकेट ख़ो कर 221 रन बनाए।

भारतीय पारी की शुरुआत गौतम गंभीर और तेंदुलकर ने की। गंभीर को न जाने क्या जल्दी थी कि वह दूसरे ओवर में ही चलते बने। तीसरे क्रमांक पर आए वीरेन्द्र सहवाग ने आते ही अपना रंग दिख़ाया और नजफ़गढ के कसाई ने ऐसे पॉलक एण्ड कंपनी की जमकर ठुकाई की कि देख़ने वाले भी वाह वाह कर उठे। अपने घरेलू मैदान पर ख़ेल रहे तेंदुलकर भी कहाँ पीछे रहने वाले थे, उन्होने भी ख़ूब आतिशबाज़ियाँ की। पर सहवाग की सुलगती पारी का जल्द ही अन्त हुआ और ” द वॉल ” का आगमन हुआ। तेंदुलकर पूरी लय में थे परन्तु एक जबरदस्त कैच ने उनके बढते कदम रोक दिए। तीन विकेट लिकल गए थे और दिल्ली अभी दूर थी, इसलिए युवराज और द्रविड़ ने संभल कर ख़ेलना शुरु किया और युवराज के वापस लौटने तक मामला काफ़ी हद तक अपने हक में आ चुका था। आज ” द वॉल ” सीना ताने ख़ड़ी रही और आख़िर में भारत 5 विकेट से विजयी हुआ, और द्रविड़ को अपने अविजीत 78 रन की वजह से मैन-ऑफ़-द-मैच के पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

अब भारतीय रंणबाँकुरे श्रीलंका में टेस्ट श्रृंख़ला के लिए जाएँगे और दक्षिण अफ़्रीका जाएगी आस्ट्रेलिया। उम्मीद है कि भारतीय टीम के प्रर्दशन में कोई कमी न आएगी और श्रीलंका से भी वे विजयी लौटेंगे।