कुछ लोगों को जिन्हें मैंने इस ब्लाग के बारे में बताया, उनमें से कुछ को तो यह अच्छा लगा, कुछ ने तारीफ़ की तो कुछ ने मुझसे पूछा कि मैंने हिन्दी में लिख़ने का निर्णय क्यों लिया। मेरा उत्तर था कि मैंने हिन्दी भाषा को इसलिए चुना क्योंकि दुर्भाग्यवश मुझे अंग्रेज़ी और हिन्दी के अलावा कोई और भाषा नहीं आती(मैं पहला अवसर मिलते ही इस भूल को सुधारूँगा) और अंग्रेज़ी में तो मैं पहले से ही लिख़ता हूँ। परन्तु इसके आगे विस्तार करते हुए मैंने कहा कि हिन्दी लिख़ने का मेरा अभ्यास लगभग छह वर्षों से छूटा हुआ था और मैं वापस हिन्दी में लिख़ना चाहता था, हालाँकि हिन्दी तो मैं रोज़ ही बोलता-सुनता हूँ किन्तु हिन्दी बोलने में और लिख़ने में बहुत अन्तर है, बोलना बहुत आसान है और लिख़ना उतना ही कठिन है। पर समस्या यह थी कि मुझे हिन्दी टाईपिंग नहीं आती थी, परन्तु देवेंद्र परख़ के हिन्दी-राईटर सॉफ़्टवेयर ने मेरी सारी समस्या ही दूर कर दी।

इस साफ़्टवेयर की सहायता से मैं अंग्रेज़ी के अक्षरों का प्रयोग करके हिन्दी लिख़ सकता हूँ और यह सॉफ़्टवेयर उन अंग्रेज़ी अक्षरों को देवनागरी(यूनिकोड) लिपि में परिर्वतित कर देता है। यूनिकोड में होने के कारण ये हिन्दी के अक्षर विश्वव्यापी हैं क्यों कि इन्हें किसी भी आपरेटिंग सिस्टम पर देख़ा जा सकता है अगर वह यूनिकोड को पहचानता है और आज के लगभग सभी आपरेटिंग सिस्टम यूनिकोड को पहचानते हैं, तो इस लिए न किसी ख़ास फ़ाँट की ज़रूरत है(सिवाय एक यूनिकोड फ़ाँट के) और न किसी उलजलूल पेंतरे की, क्योंकि किसी भी भाषा को ब्राउज़र में दिख़ाना कठिन हो जाता है यदि उसकी लिपि अंग्रेज़ी लिपि से भिन्न है और आपको यह मालूम नहीं कि आपके श्रोता के कंप्यूटर में उस लिपि का फ़ाँट उपस्थित है कि नहीं। मैं इस क्षेत्र में कार्य कर चुका हूँ जहाँ मुझे एसी भाषाओं के श्रोताओं के लिए वेबसाईट बनानी पड़ी जिनकी लिपि अंग्रेज़ी से भिन्न थी, जैसे कि जापानी, कोरियाई और चीनी भाषाएँ, इसलिए मुझे ज्ञात है कि भिन्न लिपि का प्रयोग करना और उसे ब्राउज़र में सही दिख़ाना कितना कठिन है।

इन्ही कुछ कारणों से मैंने हिन्दी में लिख़ने का निर्णय लिया, क्योंकि यह ब्लाग ख़ाली पड़ा था और मुझे इसका कोई प्रयोग नहीं सूझ रहा था, तो मैंने सोचा कि इससे बेहतर प्रयोग और क्या हो सकता है!! 🙂

तो बस यही हैं इस ब्लाग और हिन्दी में लिख़ने के कुछ कारण और विचार। मैं यह नहीं जानता कि मैं कब तक ऐसा कर पाऊँगा, परन्तु मेरा पूरा प्रयत्न होगा, और आगे देख़ा जाएगा!! 😉