क्या कल बंगलूर में होने वाले क्रिकेट के एक दिवसीय खेल में भारत दक्षिण-अफ्रीका को हरा पाएगा? पिछले मुकाबले में भारत को 5 विकटों से हार का सामना करना पड़ा था, लेकिन विचारणीय बात यह है कि पहले बल्लेबाज़ी करते हुए भारत ने 5 विकट केवल 35 के योग पर खो दिए थे। उसके बाद खेल में वापसी करते हुए भारत ने 250 रन का लक्ष्य दक्षिण-अफ्रीका के सामने रखा था और दक्षिण-अफ्रीका उस को आखरी ओवर में ही पार कर पाई थी। यानि कि भारतीय टीम ने कड़ी चुनौती दी थी। तो क्या कल दिन-रात के मुकाबले में भारतीय टीम वापसी करते हुए मैच जीत पाएगी?

अगर सटोरियों पर विश्वास किया जाए तो वे लोग नहीं समझते कि भारत की जीत की कोई उम्मीद है। बाज़ार में 4-1 का भाव मिल रहा है!! अब देख़ना तो यह है कि हमारे स्टार कोच श्री ग़्रेग चेपल अपनी कौन सी तोप चला के दक्षिण-अफ्रीका की मज़बूत टीम और उसके तेज़ ग़ेन्दबाज़ों की तिगड़ी(पोलाक, एंटीनी, नेल) को ध्वस्त कर पाते हैं क्योंकि यदि कल भी भारतीय रणबाँकुरे हार गए तो उनकी इस 5 एक दिवसीय मैचों की श्रिंख़ला में वापसी लगभग असंभव हो जाएगी, आख़िर दक्षिण-अफ्रीका के ख़िलाड़ी कोई बच्चे तो हैं नहीं कि जीती जिताई सीरीज़ हाथ से निकल जाने देंगे!!

और फ़िर यह भी नहीं भूलना चाहिए कि इज्ज़त कमाने के लिए अपने आपको साबित करना पड़ता है, और हमारे स्टार कोच ने अभी तक ऐसा कोई तीर नहीं मारा। वे तो सोचते हैं कि हम लोग बस खड़े-खड़े ही उनको पहुँची हुई शख़्सीयत मान लें। श्री लंका को 6-1 से हराना कोई बड़ा काम नहीं था क्योंकि उनका तो समय एवं फ़ार्म दोनो ही ख़राब चल रहे थे, लेकिन दक्षिण-अफ्रीका ज़रा टेड़ी ख़ीर साबित होगी। श्री ग़्रेग चैपल को ये जान लेना चाहिए कि इज्ज़त कमाई जाती है, वो मन्दिर का प्रसाद नहीं है कि हर एरे गेरे को मिल जाए। तो इसलिए उन्हें चाहिए कि बेकार की चीज़ो से सनसनी फ़ैलना बन्द करें और अपने काम की ओर ध्यान दें जो कि टीम और उनके हित में है, वरना कहीं ऐसा न हो कि जैसे उन्होंने सॉरव गांगुली को टीम से बाहर करवाया है, वैसे ही उन्हें भी भारतीय क्रिकेट र्बोड कहीं लात न मार दे!! 😉