आज के समय में नौकरी पाना बहुत कठिन कार्य हो गया है, और अच्छी नौकरी पाना और भी कठिन। कई कंपनियाँ अच्छे शिक्षण संस्थानों से बढ़िया छात्रों की अपने यहाँ सीधे भरती कर लेती हैं। पर उनका क्या जिनके यहाँ ऐसा नहीं होता? या फ़िर वे लोग जो अपनी मौजूदा नौकरी छोड़कर नई और अधिक अच्छी नौकरी तलाश करना चाहते हैं? बड़ी मुश्किल से आपको एकाध अच्छी वैकेन्सी के बारे में पता चलता है और आप अपनी अर्ज़ी भी लगा देते हैं, परन्तु यह सुन कर बड़ी झल्लाहट होती है कि आपको साक्षात्कार तक के लिए नहीं बुलाया जाता या फ़िर साक्षात्कार के बाद कहा जाता है कि आपसे बाद में संपर्क किया जाएगा और फ़िर कुछ नहीं होता। मतलब कि इतनी बढ़िया नौकरी हाथ से निकल गई और आप हाथ मलते रह गए। पर क्या आप जानते हैं कि कई बार या अधिकतर ऐसा कुछ उन मामूली त्रुटियों के कारण होता है जिन्हें अनदेखा करने का आपको इतना बड़ा मोल चुकाना पड़ता है? तो क्या हैं वे त्रुटियाँ?
- प्रावरण पत्र न भेजना : कई बार लोग यह गलती कर जाते हैं, किसी पद के लिए अर्ज़ी देते समय अपना रिज्यूमे(resumé) तो शान से भेज देते हैं परन्तु प्रावरण पत्र(cover letter) नहीं भेजते। या तो उन्हें मालूम नहीं होता कि प्रावरण पत्र किस चिड़िया का नाम है अथवा वे उसे भेजना भूल जाते हैं। दोनों ही स्थिति में हानि स्वयं उन्हीं की होती है। वैसे प्रावरण पत्र संलग्न करना कोई आवश्यक नहीं है परन्तु न भेजने से बुरा प्रभाव पड़ता है। यदि आप प्रावरण पत्र भेज रहे हैं तो कुछ समय निवेश करके उसमें कुछ लिखिए, जैसे कि क्योंकर आप उस पद के लिए उचित उम्मीदवार हैं जिसके लिए आप आवेदन दे रहे हैं। केवल यह लिखने से कि आप फ़लां पद के लिए आवेदन दे रहे हैं, आपका कोई मकसद हल नहीं होता, क्योंकि यह लिखना और प्रावरण पत्र बिलकुल न भेजना एक समान है।
- रिज्यूमे अथवा प्रावरण पत्र में आक्षरिक त्रुटियाँ : लगभग हर कोई अपने रिज्यूमे(resumé) और प्रावरण पत्र(cover letter) को किसी न किसी वर्ड प्रोसेसिंग सॉफ़्टवेयर में टाईप करता है और सभी में “स्पैल चैक” नामक सुविधा उपलब्ध होती है जिसे कि अधिकतर लोग प्रयोग न करके शब्द गलत लिख जाते हैं। इससे रिज्यूमे पढ़ने वाले व्यक्ति पर आपका गलत प्रभाव पड़ता है, साक्षात्कार से पहले ही, तो बाकी की तो आप सोच ही सकते हैं। एक अंग्रेज़ी की कहावत है:
first impression is the last impression
जिसका हिन्दी अनुवाद है:
पहला प्रभाव ही अन्तिम प्रभाव होता है
अब यदि इसका आक्षरिक अर्थ न लेकर इसे समझने का प्रयत्न करें तो इसका अर्थ यह है कि आपका जो प्रभाव पहले पहल पड़ता है, वही दूसरे व्यक्ति के दिमाग में घर कर जाता है। यदि आपका अच्छा प्रभाव पड़ा है तो उसे गलत प्रभाव में तब्दील करने में तो अधिक समय नहीं लगता परन्तु यदि पहला प्रभाव गलत पड़ा है तो उसे अच्छे प्रभाव में तब्दील करने में बहुत कठिनाई आती है। और फ़िर जहाँ आप नौकरी के लिए आवेदन दे रहे हैं, वहाँ तो आपके पास एक ही अवसर होता है।
- गलत शब्दों का प्रयोग : यदि आपने रिज्यूमे अथवा प्रावरण पत्र में सही शब्दों का प्रयोग नहीं किया है तो समझिए कि नौकरी मिलने की बहुत कम संभावना है क्योंकि अभ्यस्त निगाहों को गलत शब्द बहुत शीघ्र दिखाई पड़ जाते हैं। गलत शब्दों से मेरा मतलब किसी ऐसे वैसे शब्द से नहीं वरन् सही आक्षरिक शब्द न होने से है। जैसे यदि आप “नेटवर्क एडमिनिस्ट्रेटर” के पद के लिए आवेदन दे रहे हैं और cache server की जगह cash server लिख दिया तो गड़बड़ तो हो ही जाएगी क्योंकि आपकी इस त्रुटि को “स्पैल चैक” भी न पकड़ पाएगा।
- पुरानी कंपनी के नाम में गलती : यदि आप पहले कहीं नौकरी कर चुके हैं तो अवश्य ही इस बात का अपने रिज्यूमे में वर्णन करेंगे। और यदि आपने अपनी पुरानी कंपनी अथवा मालिक के नाम में गलती कर दी तो ….. तो पंगा तो हो ही जाएगा न!!
- रिज्यूमे अथवा प्रावरण पत्र में भाषा की त्रुटियाँ : आप यदि अपने रिज्यूमे और प्रावरण पत्र को बोल कर पढ़ेंगे तो यदि उनमें कोई भाषा संबन्धी गलतियाँ हैं तो वे आपके समक्ष उजागर हो जाएँगी ताकि आप उन्हें सुधार सकें। यदि भाषा सही रखी जाए तो साक्षात्कार लेने वाले व्यक्ति पर अच्छा प्रभाव पड़ता है जो कि आपके हित में होता है।
- फ़ोन अथवा ईमेल का उत्तर न देना : जिस कंपनी में आपने आवेदन दिया है, यदि वहाँ से आपको फ़ोन आता है और आप उस समय बात करने की स्थिति में नहीं हैं तो यह बात फ़ोन करने वाले व्यक्ति से कह दें। यदि आप फ़ोन करने का वायदा करके फ़ोन नहीं करते या बहुत दिन बाद करते हैं, अथवा यदि आपको उस कंपनी से कोई ईमेल आती है और उसका उत्तर देने में कई दिन लगा देते हैं तो इससे आप अपना बहुत बुरा प्रभाव डाल रहे हैं। यदि आपकी कहीं और नौकरी लग गई है तो भी आपको यह तो बता ही देना चाहिए कि आपने दूसरी कंपनी में पद स्वीकार कर लिया है, ताकि आपकी छवि उस व्यक्ति/कंपनी की नज़रों में अच्छी बनी रहे, क्योंकि यह दुनिया बहुत छोटी जगह है, हो सकता है कुछ समय बाद आप पुन: नौकरी तलाश रहे हों!!
- अनुचित स्थान से फ़ोन पर बात करना : जिस कंपनी में आपने आवेदन दिया है, यदि वहाँ से आपको फ़ोन आता है, तो आपको यह निश्चित कर लेना चाहिए कि आपके आसपास शोरगुल अथवा कोई विघ्न डालने वाला न हो। साधारणतया फ़ोन करने वाला आपसे अवश्य पूछता है कि क्या आप उस समय बात कर सकते हैं या नहीं। यदि आप कहीं बाहर हैं, जैसे किसी रेस्तरां, सिनेमा, आफ़िस मीटिंग आदि में या सड़क पर, अथवा बात करने की स्थिति में नहीं हैं तो यह कह देना बेहतर है कि आप उस समय बात नहीं कर सकते, और जिस समय बात कर सकते हैं वह बता दें तो वह व्यक्ति आपको पुन: फ़ोन करेगा। शोरगुल आदि में बात करना या बात करते समय बीच में विघ्न पड़ना असभ्य लगता है और यह यकीनन आपके हित में नहीं है।
- लंबे वार्तालाप के लिए मोबाईल का प्रयोग करना : मोबाईल फ़ोन बात करने के लिए ही होता है। परन्तु संभावित कंपनी के फ़ोन करने वाले से यदि संभव हो तो मोबाईल फ़ोन पर बात न करके साधारण फ़ोन पर बात करें, क्योंकि टेक्नॉलोजी चाहे कितनी ही विकसित हो गई हो, नेटवर्क सिग्नल का कम होना अथवा चले जाना आम बात है। दूसरे कई बार मोबाईल फ़ोन से बात करते समय दूसरे व्यक्ति को ठीक से आपकी आवाज़ सुनाई नहीं पड़ने की संभावना को भी नकारा जा सकता। इसलिए यदि संभव हो तो साधारण फ़ोन से बात करें, ताकि वार्तालाप में कोई अनचाहा विघ्न न पड़े। वैसे यह कोई अत्यधिक महत्वपूर्ण बात नहीं है परन्तु फ़िर भी इसका ध्यान रखना आपके हित में ही है।
- साक्षात्कार के लिए देरी से पहुँचना अथवा पहुँचना ही नहीं : यदि आप निर्धारित समय पर नहीं पहुँच सकते तो सुसभ्यता का तकाज़ा यही है कि आप फ़ोन कर बता दें कि आपको पहुँचने में देर हो जाएगी या फ़िर आप पहुँच ही नहीं पाएँगे, ताकि दूसरा दिन अथवा समय निर्धारित किया जा सके। साक्षात्कार लेने वाले को प्रतीक्षा कराना निश्चित रूप से आपके पक्ष में नहीं है क्योंकि जितना आप लेट होंगे उतनी ही बुरी छवि आपके प्रति उसके मन में बन जाएगी जिसको सुधारना असंभव हो जाएगा।
यह कुछ बहुत मामूली सी त्रुटियाँ हैं जिनको थोड़ी सी सावधानी बरतने से हटाया जा सकता है, और यदि इन्हें रहने दिया जाता है तो ये छोटी छोटी गलतियाँ ही इस बात का प्रबन्ध कर देती हैं कि योग्य होने पर भी आपको नौकरी नहीं मिलती। तो इसलिए सावधान रहिए कि यही आपके हित में है। 🙂
ऊपरलिखित सूचि डग हैम्पशायर की इस पोस्ट से प्रेरित है।
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