पिला दे, पिला दे, पिला दे मुझे नारंगी,
संतरे की बेटी न सही, है तो उसकी यह बहन भतीजी,
असली न सही, चलेगी उसकी यह नकल ही,
पिला दे, पिला दे, पिला दे मुझे नारंगी।
आह, सुबह के चार बजे हैं, भूख लग रही थी, तो सोचा कि क्यों न कुछ नारंगी-पान किया जाए!! 😀 तो कुछ चॉकलेट क्रीम बिस्कुट, थोड़े चॉकलेट केक व एक गिलास मिरिन्डा से अपनी क्षुधा एवं प्यास शांत की। 😀 वाह, मजा आ गया!! 😀
अब यदि आपके मुँह में भी पानी आ गया है तो एक बाल्टी लाकर अपने मुँह के नीचे रख लीजिए(ताकि गंदगी न फ़ैले) क्योंकि इन सर्वोत्तम चीज़ों को मिल-बाँट खाना मुझे पसंद नहीं है!! 😉
जब तक चॉकलेट और मिरिन्डा है, तब तक दिन-रात एक समझने वाले मेरे जैसे भले मानसों के लिए आस है, जीवन की राह सुगम है। 😀
Comments