नहीं जी, कोई गलत अर्थ मत निकालना, कुछ ऐसा वैसा करने की नहीं सोच रहे। दरअसल आज इंडिया हैबिटैट सेन्टर में दिल्ली ब्लॉगर्स बिरादरी की एक भेंटवार्ता रखी गई थी। अब कोई ऐसी वैसी भेंटवार्ता नहीं थी, बकायदा एक मुद्दा था जिस पर चर्चा की गई। बात यूँ है कि अभी हाल ही में चेन्नई में एक ब्लॉगकैम्प आयोजित किया गया था। तो हमें लगा कि ऐसा कुछ यहाँ उत्तर भारत में दिल्ली में भी होना चाहिए, अब बहुत से यहाँ के लोग तो वहाँ जा नहीं पाए थे, और बहुत से जो गए थे उनको निराशा हुई क्योंकि कुछ “खास” नहीं मिला वहाँ जिसकी आशा लिए वो वहाँ गए थे।

ठीक, अब जब यह विचार आया तो अन्य लोगों को मैंने बताया। कुछ को पसंद आया तो कुछ संशय में लगे। इसलिए इसको मुद्दा बना आज की भेंटवार्ता रखी गई ताकि सभी अपने अपने विचार व्यक्त कर सकें। जितनी आशा थी उसके अनुरूप उपस्थित लोगों की संख्या कुछ खास नहीं थी परन्तु फ़िर भी संतोषजनक थी, करीब 10-12 लोगों ने तो हाज़िरी लगाई ही।

चर्चा ये की गई कि कैसा आयोजन करना है। क्या चेन्नई वाले की तरह बड़ा किया जाए या छोटे स्तर का किया जाए। इस बात पर सभी एकमत थे कि कुछ नया होना चाहिए, चेन्नई वाले ब्लॉगकैम्प का दोहराव नहीं करना कि जो वहाँ था वैसा ही यहाँ भी कर डालें। अब यही सबसे बड़ा मुद्दा बना। “नया” करें तो क्या करें?? तो सभी से कहा गया कि भई अपने अपने विचार एक कागज़ पर दर्ज करो कि आप ब्लॉगकैम्प में क्या देखना पसंद करेंगे, क्या जानना चाहेंगे। अभी इस पर चर्चा जारी रहेगी, हिन्दी ब्लॉगर बिरादरी से मेरे अतिरिक्त कोई और आ नहीं सका, इसलिए बिरादरी के मेम्बरान के विचार जानने के लिए मैंने परिचर्चा में एक सूत्र आरम्भ किया है जहाँ पर कोई भी अपने विचार आदि व्यक्त कर सकता है।

भेंटवार्ता तकरीबन दो-तीन घंटे चली जिसके उपरांत कुछ ने विदा ली और बाकी हम लोग हैबिटैट सेन्टर के रेस्तरां Eatopia में जलपान के लिए चले गए।