आज मुहर्रम की छुट्टी थी। वैसे तो यह एक सरकारी छुट्टी होती है, परन्तु निजी क्षेत्र में यह अमूमन नहीं दी जाती, जहाँ तक मैं जानता हूँ, मेरे किसी भी कामकाजी मित्र की छुट्टी नहीं थी। पर मेरी थी, और यही बहुत है!! 😀

तो कल जब बॉस मुझे एक प्रोजेक्ट के बारे में बता रहे थे, तो मैंने कहा:-

मैं: बॉस, कल तो छुट्टी है, मजे आ गए!! 😀
बॉस: (कैलेंडर में देखने के बाद) कल तो मुस्लिम छुट्टी है, तुमने क्या करना है।
मैं: कुछ भी हो, छुट्टी तो है!! कल मैं सारा दिन नींद लूँगा।
बॉस: क्यों? इतनी थकान का क्या कारण है? अब तो सप्ताहांत की छुट्टी होती है।
मैं: हाँ, होती तो है परन्तु मैंने पिछले शनिवार छुट्टी न लेकर काम किया था और रविवार को भी नींद न ले पाया था। (लेकिन मैंने यह न बताया कि सारा दिन क्रिकेट खेलता रहा)
बॉस: ओह, तो ठीक है, मजे करो, लेकिन हमें यह काम कल तक फ़ाईनल करना है।
मैं: (मन ही मन सोचा) कमब्खत छुट्टी के दिन भी चैन नहीं मिलेगा!! 🙁

तो आज मैंने वही किया, सारा दिन सोया, और सो ही रहा था कि जब मनहूस मोबाईल की घंटी ने ३ बजके ५५ मिनट पर जगा दिया। फ़ोन यकीनन बॉस का था, साथ ही दो एसएमएस(sms) भी इंतज़ार कर रहे थे। पढ़ा और जाना कि बॉस महोदय आनलाईन प्रतीक्षा कर रहे हैं, सो तुरन्त निद्रा रानी को भगाया और याहू पर लॉग आन किया। और फ़िर कैसे ढाई घंटे से ऊपर बीत गए, पता ही नहीं चला, जब काम समाप्त हुआ, तब घड़ी पर नज़र मारी, और मन ही मन सोचा, लो, मन गई छुट्टी!! 😉