मेरे ख्याल से तो दोनो एक जैसे ही थे, अमानुष!
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विचारणीय तथ्य है, टिम्पू का. 🙂
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सही कहा.
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अमित कहीं ‘प्रोफ़ेशन’ बदलने की जुगाड़ में तो नहीं है . बहुत सार्थक और सधी हुई मार करने वाला कार्टून है .
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अमित कहीं ‘प्रोफ़ेशन’ बदलने की जुगाड़ में तो नहीं है
जी नहीं, ऐसा कोई इरादा नहीं है। मन के विचार हैं जो कार्टूनों के माध्यम से बाहर आ रहे हैं। 🙂
बहुत सार्थक और सधी हुई मार करने वाला कार्टून है
ज़र्रानवाज़ी का शुक्रिया 🙂
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सत्यवचन, बहुत सही। 🙂
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सही कहा.. किंतु मैं यह सोच रहा हूं किस फिरंगी ने आपसे पंगा ले लिया जो खुन्नस में कार्टून छापना पड़ गया। 😉
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हा हा हा! किसी ने पंगा नहीं लिया नीरज दादा, बस यूँ ही कहीं किसी ब्लॉगपोस्ट से टकरा गया जहाँ फास्सीवाद वगैरह का ज़िक्र था तो मन में पुराना सवाल उभर आया कि लोग हिटलर और नाज़ी पार्टी को हैवान मानते थे, और जो ब्रिटिश और फ्रान्सिसी और अमेरिकी ऐसा मानते थे वे क्या उनसे कम थे! बस इसी तरह कार्टून उभर आया!! 🙂
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comparison has gone a wee bit rightist! Shows that you haven’t really understood what Nazis did.
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तो आप समझाने की कृपा करें मूनी जी। मुझे तो जितनी समझ है उसी के अनुरूप कार्टून बनाया। 🙂
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