बीते दिनों में एक रविवार सुबह संतोष के साथ कुतुब मीनार के पास स्थित पाँच इंद्रियों के बाग़ यानि कि गॉर्डन ऑफ़ फाईव सेन्सेस (garden of five senses) जाना हुआ और वहाँ रंग-बिरंगे फूलों और तितलियों के साथ ही देखने को मिले अमूर्त कला (abstract art) के बढ़िया नमूने।

एक फूल के मध्य का मैक्रो

एक नन्ही तितली

एक टूटा झूला
( इस फोटो को कंप्यूटर पर सेपिआ [sepia] किया गया है, मूल फोटो यहाँ है )

एक ततैया
( इस फोटो को कंप्यूटर पर श्वेत-श्याम किया गया है, मूल फोटो यहाँ है )

एम्फीथियेटर
( बढ़िया सैटिंग में बना हुआ एक एम्फीथियेटर [amphitheater] )

अगले भाग में जारी…..