लगभग एक माह पहले मेरे इनबॉक्स में एक विज्ञापन वाली ईमेल आई। अब वैसे तो रोज़ ही कई सौ आती हैं लेकिन यह उन जैसी नहीं थी। यह इंडिया टुडे वालों की ओर से आई थी जिसमें उन्होंने मुझे इंडिया टुडे बुक क्लब की सदस्यता ऑफ़र की। शर्त यह थी कि उनके कैटालॉग में से मैं कोई भी दो पुस्तकें अथवा संगीत की सीडी खरीदूँ, वे मुझे उसी कैटालॉग में से मेरी पसंद की कोई चार पुस्तकें अथवा सीडी मुफ़्त में देंगे और साथ में सदस्यता भी जिसके अंतर्गत मैं भविष्य में हर खरीद पर छूट प्राप्त करूँगा।
अमूमन मैं इस तरह के विज्ञापन पढ़कर मिटा देता हूँ लेकिन मुझे कुछ रूचिकर लगा, उस समय मेरे पास थोड़ा खाली समय भी था, तो सोचा देख लेते हैं, यदि कोई काम की चीज़ नहीं लगी तो नहीं लेंगे। दिए गए पते पर पहुँच जो पुस्तकें देखी उनमें से मुझे अपनी रूचि की कोई भी नहीं लगी, लेकिन संगीत की कुछ सीडी पसंद आई। तो मैंने निम्न सीडी खरीदी:
- Music for Relaxation – composed by Vishwa Mohan Bhatt
- Music for Rejuvenation – Libra
और निम्न सीडी मुफ़्त उपहार में पसंद करीं:
- The Elements – Wind – composed by Hariprasad Chaurasia
- The Elements – Water – composed by Shiv Kumar Sharma
- The Elements – Earth – composed by Vanraj Bhatia
- The Elements – Fire – composed by Bhaskar Chandavarkar
वैसे तो ये सभी सीडी बहुत बढ़िया हैं, पूरे पैसे वसूल, लेकिन शिव कुमार शर्मा का तो मैं पंखा(हिन्दी में बोले तो ….. फ़ैन) हो गया। इससे पहले मुझे कभी इन संगीतकारों अथवा इनके संगीत में कोई रूचि नहीं रही लेकिन अभी 7-8 दिन पहले जब से ये सीडी आईं हैं तब से इन्हें ही बारंबार सुने जा रहा हूँ। The Elements – Water में शिव कुमार शर्मा ने वाकई बहुत अच्छा संगीत दिया है, उसके बाद मुझे सबसे अच्छी लगी वनराज भाटिया की The Elements – Earth जिसमें पहला संगीत ट्रैक At the Dawn of Creation बहुत ही अच्छा है। The Elements की शृंखला, जो कि पाँच तत्वों पर है, में एक सीडी रह गई जिसका नाम है The Elements – Space जिसका संगीत तबले के उस्ताद ज़ाकिर हुसैन ने दिया है। मैं इसे खोज रहा हूँ और आशा है कि जल्द ही यह मिल जाएगी।
अब जब शौक चढ़ा तो अगली बार जब मैं प्लैनेट-एम गया तो वहाँ से पंडित जसराज की “मियां तानसेन” ले आया जिसमें तानसेन के कई राग हैं। यह दो सीडी का पैक है जो मैंने अभी पूर्ण नहीं सुनी लेकिन जितना सुना है वह बहुत ही अच्छा लगा। थोड़े से अच्छे स्पीकर या हेडफोन हों और उस पर यह संगीत चला के सुना जाए और आँख बन्द कर बैठा जाए, आहा, स्वर्ग की सी अनुभूति होती है। 🙂 वाकई ये सभी आज के युग के तानसेन हैं।
अभी कुछ और ऐसी ही सीडी देखीं हैं, जल्द ही उनको प्राप्त कर संगीतमयी स्वर्ग के सुख की प्राप्ती करुँगा। 😀
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