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bahut achchachha 🙂
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🙂
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स्माईल प्लीज.
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जब आप सफल होते है आप पर उँगलिया उठती ही है. वैसे अच्छा व्यंग्यात्मक जवाब.
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बहुत सही!!
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जब आप सफल होते है आप पर उँगलिया उठती ही है.
हा हा हा, ये तो आपने बिलकुल वैसे ही कहा जैसे “गुरू” फिल्म में अभिषेक ने कहा था कि “जब लोग तुम्हारे खिलाफ़ बोलने लगें, समझ लो तरक्की पर हो”!! 😉
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cha gaye guru, good reply. 🙂
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चलो रंग रोगन की बात करो. होने की बजाय दिखना ज्यादा जरूरी है. चाहे चुड़ैल का हो या स्वामी का या नारद का. 🙂
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chudail hai kaun miya!!
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हे हे, बहुत खूब!
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हा हा, यह कहाँ आ गये हम!!!!!!!!! 🙂
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बेकग्राऊंड का कलर काला क्यों है, आका का कलर केसरी क्यों है। पारदर्शक क्यों नहीं है?
जरूर कोई ना कोई साजिश रची जा रही है। -
अरे स्माईली लगना रह गया भाई अब दो लगा देते हैं
🙂 🙂 -
chudail hai kaun miya!!
बूझो तो जानें!! 😉
आका का कलर केसरी क्यों है
“आका” का रंग केसरी कहाँ है सागर जी, वो तो काला लबादा ओढ़े है!! हा हा हा!! 😉
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