सुबह सवेरे खजुराहो के मंदिरों के बीच – आहा, हर लम्हा एक युग समान लगता है, कल्पना की उड़ान 1000 व्रष पूर्व चंदेलों के समय में ले जाती है!!
On 10, Oct 2008 | No Comments | In कतरन | By amit
सुबह सवेरे खजुराहो के मंदिरों के बीच – आहा, हर लम्हा एक युग समान लगता है, कल्पना की उड़ान 1000 व्रष पूर्व चंदेलों के समय में ले जाती है!!
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