दिन सूना-२ सा लगता है मुझे जाने क्यों, मन बावरा भटकता है इधर-उधर न जाने क्यों…..!!
-
आधा घण्टा सुबह-शाम ध्यान लगाना और नींद पर ध्यान देना – फायदेमन्द है।
रात बिस्तर पर जाने के पहले एक शॉवर लेना न भूलें! -
मन रे तू काहे न धीर धरे।
-
तुलना करना बेकार है, मन भटकत बेबात,
देर भई घर पहुंचकर , बिता दई फ़ुल रात। 🙂
Submit a Comment
Comments