कल मैं बुद्धिमान था इसलिए दुनिया को बदलना चाहता था, आज मैं ज्ञानी हूँ इसलिए स्वयं को बदल रहा हूँ
— जलालुद्दीन मुहम्मद रूमी
On 23, Sep 2012 | 3 Comments | In Some Thoughts, कुछ विचार | By amit
कल मैं बुद्धिमान था इसलिए दुनिया को बदलना चाहता था, आज मैं ज्ञानी हूँ इसलिए स्वयं को बदल रहा हूँ
— जलालुद्दीन मुहम्मद रूमी
चलिए, देर से ही सही-एक दिन ज्ञानी हो जाऊँ-इसी उम्मीद में जागा हूँ… 🙂
बदलाव जीवन का सबसे अहम हिस्सा है। खुद को पहचानने ते खुदा मिलेगा । 🙂
Vah kya baat hai … Amazing thought
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