जैसा कि मेरे साथ प्रायः होता है, घूमने फिरने के कार्यक्रम एकाएक ही बनते हैं। लेकिन इस मामले में ऐसा नहीं हुआ, कह सकते हैं कि यह कुछ दुर्लभ अपवादों में से एक अपवाद था। पिछले वर्ष जुलाई-अगस्त में मित्र मण्डली एकत्र हुई और बातों ही बातों में बात उठी कि कहीं घूमने फ़िरने का मामला बनाया जाए, ऐसा वैसा भी नहीं, बकायदा विदेशी रंग होना चाहिए मामले में। कुछेक सुझाव प्रस्ताव कमेटी के सामने प्रस्तुत हुए और उनमें से स्निग्धा का कोह सामुई (थाईलैण्ड) (Koh Samui, Thailand) का प्रस्ताव पारित हुआ।
बुकिंग इत्यादि के विकल्प देखने के लिए विनायक और मैंने चूहे दौड़ाए (अपने-२ कंप्यूटरों के), इस वर्ष जनवरी में पहले सप्ताह का मुहूर्त निकला था। निर्धारित तिथियाँ क्योंकि न्यू ईयर (New Year) के नज़दीक थीं इसलिए थाईलैण्ड के भाव बढ़े हुए थे क्योंकि आजकल हर कोई ऐरा गैरा नत्थूखैरा भी थाईलैण्ड घूमना पसंद करता है। 😎 इस पर विनायक ने सुझाव दिया कि जितने पैसे हम थाईलैण्ड में खर्च करेंगे उतने में बाली (Bali, Indonesia) हो आएँगे और बाली थाईलैण्ड के मुकाबले शानदार रहेगा। बाली घूमना थोड़ा महँगा सौदा रहता लेकिन चूँकि थाईलैण्ड के भाव बढ़े हुए थे तो उतना माल तो वैसे भी खर्च हो ही रहा था। 😐 कमेटी को यह प्रस्ताव उचित लगा और ऑर्डिनेन्स पास करने की जगह इमरजेंसी सैशन बुला इस प्रस्ताव को पारित किया गया। 😉 अब मामला शुरु हुआ बाली का कार्यक्रम बनाने का, फ्लाईट, होटल इत्यादि। काफ़ी मान मनौव्वल, चर्चा आदि के बाद सब कुछ बुक हो गया, अब बस प्रतीक्षा थी तीन माह बीतने की।
आखिरकार शुक्रवार २ जनवरी २०१४ का वह हसीन दिन आ ही गया। ऑफिस का काम निपटा और तुरत-फुरत कपड़े-लत्ते बाँध मैं हवाई अड्डे पर पहुँच गया। मनीष और विनायक से बात की गई तो पता चला कि वे दोनों रास्ते में हैं। साढ़े नौ बजे की फ्लाईट थी और साढ़े छह बजे हवाई अड्डे पर मिलने का तय हुआ था। आदत के अनुरूप मैं सबसे पहले पहुँच गया था। 😕 अपनी सीट मैंने ऑनलाईन ही आरक्षित कर ली थी तो मलेशिया एयरलाईन्स (Malaysia Airlines) के काऊँटर पर अपना बोर्डिंग पास हासिल किया, अपना सामान उनके हवाले किया और भीड़ न होने के कारण तुरत-फुरत इमिग्रेशन (Immigration) और सिक्योरिटी चैक (Security Check) के पड़ाव भी पार हो गए। सोचा कि कुछ चाय-कॉफ़ी द्वारा टाईमपास किया जाए। भई टाईमपास करने के लिए इनमे से किसी एक चीज़ का होना आवश्यक है और अपने पास काफ़ी टाईम था पास करने को क्योंकि दास और शेवानी परिवार अभी आए नहीं थे, उड़ान में भी कतई ज़्यादा समय बाकी था। 🙂 तो मैं पहुँचा द कॉफ़ी बीन एण्ड टी लीफ़ (The Coffee Bean & Tea Leaf) के ठीये पर और मोरोक्कन मिन्ट चाय (Moroccan Mint Tea) की फ़रमाईश करी। वह उस समय उपलब्ध नहीं थी तो मैंने जिनसेंग पैप्परमिन्ट चाय (Ginseng Peppermint Tea) और एक पनीर टिक्का सैण्डविच लिया। बाकी लोगों से स्टैटस अपडेट माँगा तो पता चला कि दोनो परिवार इमिग्रेशन की कतार में तसल्ली से खड़े हैं क्योंकि भीड़ बढ़ गई थी। उनको अपनी लोकेशन बता मैंने इत्मीनान से अपनी चाय का लुत्फ़ उठाया। यकीन मानिए बहुत ही शानदार चाय थी, वाकई मज़ा आ गया था। :tup:
फ़ाईनली दास और शेवानी परिवार सब फ़ॉर्मेलिटी आदि पूर्ण कर आ गये। विनायक और स्निग्धा भी चाय के मूड में थे इसलिए मैंने जिनसेंग पैप्परमिन्ट चाय का सुझाव दिया कि उसको आज़माओ, कतई शानदार चाय है। हमारी चाय आ गई और मैंने उसका पुनः लुत्फ़ उठाया। हमारी गैंग में एक चार वर्ष का बालक और एक चार वर्ष की बालिका भी थी, दोनों ही कतई उत्साहित थे और धमाचौकड़ी मचा अपने उत्साह का प्रदर्शन कर रहे थे। 😀 मनीष एक अति काबिल इंसान और पिता है मैं यह कह सकता हूँ, हर बार की तरह बच्चे संभालने का कार्य वही कर रहा था। 😀 इधर हमारा टाईमपास हो चुका था, फ्लाईट की घोषणा हो गई और हम जाकर हवाई जहाज़ में अपनी-२ सीटों पर पसर गए। निर्धारित समय के कुछ मिनट बाद जहाज़ ने उड़ान भरी और कुआला लमपुर (Kuala Lumpur) की ओर उड़ चला जहाँ हमें बाली के लिए मलेशिया एयरलाईन्स का दूसरा विमान पकड़ना था। अपने अनुभव के आधार पर कह सकता हूँ कि मलेशिया एयरलाईन्स ऐवईं एयरलाईन्स है, यदि विकल्प हो तो मैं उसमें पुनः सफ़र करना पसंद नहीं करूँगा। :tdown:
अगले अंक में जारी …..
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