कुछ दिन पहले एक मित्र ने पूछा कि यह व्हाटअबाउट-इज़्म (whatabout-ism) क्या होता है? कुछ विचार के बाद मैंने उसको ऐसे समझाया।

मान लो दो व्यक्ति हैं, एक अनार और एक बीमार

अनार को बीमार गाली देता है, उसको माँ बहन की गाली देता है, उसके खानदान-पूर्वजों आदि सबका स्तुति गान कर देता है।

ऐसे में अनार पलट के बीमार को असभ्य, कंजर आदि कह देता है।

अब बीमार रोना रोता है कि अनार बहुत बद्तमीज़ व्यक्ति है जिसको बात करने की रत्ती भर समझ नहीं है।

अनार उत्तर देता है कि बीमार ने ही यह सब बकवास आरम्भ की थी। इस बार बीमार अनार को व्हाटअबाउट-इज़्म (whatabout-ism) का उलाहना देते हुए कहता है कि अनार को इसके अतिरिक्त और कुछ नहीं आता।

मेरे ख्याल से व्हाटअबाउट-इज़्म का अर्थ स्पष्ट हो गया होगा, इससे बेहतर मुझे नहीं लगता कि मैं इस विषय को समझा सकता हूँ। 🙂

व्हाटअबाउट-इज़्म शब्द मैंने केवल एक ही प्रकार की मानसिकता वाले मनुष्यों से सुना है, अन्य किसी से नहीं। ऐसे लोगो के लिए यह शब्द मात्र एक ढाल है, किसी को भी गाली गलौच करने के पश्चात् छुपने के लिए प्रयोग होता है।

परन्तु मुझे तो संस्कृत का यह कथन ही स्मरण हो आता है जो कभी कक्षा पांच में स्कूल में पढ़ा था।


कृते प्रतिकृतं कुर्यात् हिंसिते प्रतिहिंसनम्।
न तत्र दोषं पश्यामि, शठे शाठ्यं समाचरेत।

यदि यह स्मरण नहीं है अथवा समझ नहीं आया है तो गूगल देव से इसकी व्याख्या खोजने के लिए कहें, सरलता से मिल जाएगी।