मेरा कॉमिक्स और उपन्यास आदि पढ़ने का शौक बचपन से रहा है। किस्सा-ए-कॉमिक्स एक अरसा पहले बाँचा था। समय के साथ जीवन में और चीज़ों ने उपलब्ध समय पर कब्ज़ा जमा लिया था और 2004-2005 के बाद कॉमिक्स पढ़ना छूटता गया। इस रूचि ने कुछ वर्ष बाद फिर से रफ़्तार पकड़ने की कोशिश की थी लेकिन गाड़ी पटरी पर नहीं आयी।
मेरा बचा हुआ पुराना कॉमिक्स संग्रह