एयरटेल के 1 mbps कनेक्शन पर अपग्रेड कर लिया है – प्रयोग करने के समय और डाऊनलोड/अपलोड की कोई सीमा नहीं – हाई स्पीड मामला बढ़िया लगे है! 🙂
On 09, Jan 2009 | 10 Comments | In कतरन | By amit
किसी मूर्ख ने अपनी शादी के विज्ञापन को अख़बार में देते हुए मेरा ईमेल पता छपवा दिया – अब लड़कियों के पिताओं की ईमेलों का तांता लग गया है! #$%&^
On 08, Jan 2009 | 7 Comments | In कतरन | By amit
प्रगति मैदान में फोटो मेला लगा है 8 से 11 तक, बहुत ही गलत टैम पर लगा है। परसों से छह मासिक इम्तिहान हैं, अब पढ़ाई करें कि मेले में जाएँ!! 🙁
बात-२ पर होता हिन्दी का अपमान.....
On 01, Jan 2009 | 12 Comments | In Mindless Rants, फ़ालतू बड़बड़ | By amit
परसों रात्रि कुछ समय मिला तो सोचा कि कुछ ब्लॉगों पर नज़र डाल ली जाए। ठंड थोड़ी बढ़ गई थी तो रजाई छोड़ने का मन नहीं हुआ, इसलिए मोबाईल पर ही नारद खोला और उपलब्ध 150 पोस्ट में देखने लगा कि कहाँ क्या छपा है। 28 तारीख को संपन्न हुए हिन्द युग्म के वार्षिकोत्सव में गए कुछ लोगों ने अपनी आशाओं और निराशाओं को पिरोकर अपने-२ अड्डों पर पोस्ट आदि ठेली तो थोड़ा उनको भी पढ़ा। यह बात सामने आई कि कुछ लोगों को इस बात से बुरा लगा कि सभा में पधारे खास अतिथि बोलते समय बीच-२ में अंग्रेज़ी क्यों बोल रहे थे!!
On 27, Dec 2008 | 6 Comments | In कतरन | By amit
फोन पर एक नए चैट सॉफ्टवेयर को डाल जाँच रहा हूँ। अभी तक तो मामला बढ़िया नज़र आ रहा है, देखते हैं मौजूदा सॉफ्टवेयर से बढ़िया है कि नहीं।
On 18, Dec 2008 | 7 Comments | In कतरन | By amit
केएफ़सी ने अपने ज़िंगकांग बॉक्स के साथ डॉयट पेप्सी देनी आरंभ कर दी है। क्या आएरनी (irony) है!! 😉
On 17, Dec 2008 | 4 Comments | In कतरन | By amit
वर्डप्रैस 2.7 पर ब्लॉग अपग्रेड कर लिया है। नए वर्ज़न का बदला हुआ एडमिन तो पहले ही देख लिया था तो वह नया नहीं लगा, बाकी मामला बढ़िया है।
मुम्बई का हमला एक ड्रामा था न कि आतंकवादी हमला .....
On 15, Dec 2008 | 36 Comments | In Mindless Rants, फ़ालतू बड़बड़ | By amit
….. और भारत के प्रत्येक अल्पसंख्यक समुदाय को अपनी आज़ादी के लिए हथियार उठा लेने चाहिए!! ( ठीक बॉलीवुड फिल्मी इश्टाईल )
क्यों, क्या आप इस बात से इत्तेफ़ाक रखते हैं? रख भी सकते हैं, भारत में किसी विचार से इत्तेफ़ाक रखने पर पाबंदी नहीं है (कुछ तरह के इत्तेफ़ाकों को अंजाम देने पर अवश्य है)!!
पर अरुणधती राय (Arundhati Roy) तो इस बात से पूरे का पूरा इत्तेफ़ाक रखती है। इत्तेफ़ाक की क्या बात है, वह तो इस बात को बढ़ चढ़कर कहने फिरने वाली महिला है। माफ़ कीजिए यदि बुकर पुरस्कार विजेता अरुणधती राय के लिए सम्मान न ऊबर रहा हो, जिन लोगों का मैं सम्मान नहीं करता उनके लिए सम्मानजनक संबोधन निकालना ज़रा कठिन कार्य हो जाता है और ऐसे कठिन कार्य को करने के मूड में मैं फिलहाल नहीं हूँ!! यदि आप इन मोहतरमा के बारे में नहीं जानते हैं तो थोड़ा जानिए। इन मोहतरमा को तुक्के से इनके एक उपन्यास, द गॉड ऑफ़ स्माल थिंग्स (The God of Small Things), के लिए बुकर पुरस्कार मिला सन् 1997 में। उसके बाद से आज तक ग्यारह वर्षों में कोई अन्य तोप न चला पाने के कारण इन्होंने चर्चा में रहने का एक कारगर तरीका अपनाया है, खामखा के विवादों को खड़ा करना और भड़काना, (नेताओं द्वारा) जाँची परखी हिन्दू-मुस्लिम की गंदी राजनीति के गटर के बदबूदार पानी को हर जगह फैलाना।
On 07, Dec 2008 | 3 Comments | In कतरन | By amit
नेटफ्रंट ब्राऊज़र का विन्डोज़ मोबाइल के लिए कन्सेप्ट वर्ज़न ट्राई कर रहा हूँ। देखने में यह एक झकास मोबाइल ब्राऊज़र लग रहा है – और काफ़ी तेज़ भी!!
क्वानटम ऑफ़ सोलेस
क्वानटम ऑफ़ सोलेस (Quantum of Solace) 6 नवंबर को भारत में रिलीज़ हुई, अमेरिका से पहले यह भारत में रिलीज़ हुई इससे कई लोगों की बाछें खिल गई। ऑफिशियली यह जेम्स बांड की बाईसवीं फिल्म है और पिछली फिल्म कसीनो रोयाल (Casino Royale) का अगला भाग है। तो बुकमाईशो पर मॉर्निंग शो की टिकट बुक करवाई (दिन के शो के मुकाबले पचास रूपए कम लगे) और रिलीज़ के अगले ही दिन यानि कि शनिवार 7 नवंबर को पहुँच गए फिल्म देखने।