Image Image Image Image Image
Scroll to Top

To Top

On 24, Oct 2008 | No Comments | In कतरन | By amit

जीमेल एप्प का नया जावा वर्ज़न मोबाइल में इंस्टॉल किया – चलना तो दूर इस नए वर्ज़न ने मिडलेट मैनेजर को ही जमा दिया, अंततः फोन बंद कर चालू किया!!

On 21, Oct 2008 | 6 Comments | In कतरन | By amit

जामा मस्जिद के निकट स्थित करीम होटल में रात्रि भोजन के लिए; आशा कर रहा हूँ कि इसका तंदूरी चिकन पुनः निराशाजनक नहीं होगा!

बुडापेस्ट - एक सफ़रनामा - भाग १

शुक्रवार 20 जून की रात्रि बारह चालीस का विमान था और मंज़िल थी पूर्वी योरोपीय देश हंगरी की राजधानी बुडापेस्ट। चार दिन की ग्लोबल वॉयसिस की सम्मिट थी, पाँच दिन का मेरा घूमने फिरने का कार्यक्रम, कुल मिलाकर दस दिन की बुडापेस्ट यात्रा। समय से काफी पहले मैं हवाई अड्डे पर पहुँच गया और सीधे एयर फ्रांस (Air France) के काऊँटर पर अपना टिकट दिखा के अपना सामान उनके हवाले किया और सीट के लिए अपनी पसंद बता के दिल्ली से पेरिस (Paris) और पेरिस से बुडापेस्ट (Budapest) के विमानों के बोर्डिन्ग पॉस (boarding pass) लिए। उसके बाद मुद्रा बदलवानी थी, हंगरी (Hungary) की मुद्रा नहीं थी इसलिए भारतीय रुपयों को यूरो (Euro) में बदलवाया। चूंकि मैं समय से काफी पहले आ गया था इसलिए इंतज़ार भी करना था, तो सोचा कि इमिग्रेशन (immigration) तथा सिक्योरिटी क्लियरेंस कर लिया जाए। अपना केबिन लगेज (luggage) उठा अपन भी लग गए इमिग्रेशन की लंबी कतार में। तकरीबन 40 मिनट खड़े रहने और आधी पंक्ति आगे आ जाने के बाद देखा कि मैंने इमिग्रेशन का फॉर्म तो भरा ही नहीं, फोन कर इस बारे में आशीष से पूछा (यह मेरी पहली विदेश यात्रा थी इसलिए उससे सलाह ली थी हर चीज़ की) तो उसने कहा कि मुझे भी भरना होगा। मन में कैसी भावना आई यह शब्दों में बयान करना कठिन है, इतनी देर कतार में खड़े रहने के बाद जगह छोड़नी होगी तथा पुनः कतार में लगना होगा!! 🙁 परन्तु अन्य कोई रास्ता भी न था, कतार छोड़ वापस आया और फॉर्म लेकर भरा। इस बीच कतार जल्दी ही आगे खिसक गई थी, यदि फॉर्म पहले भरा होता तो अब तक अपना नंबर भी आ गया होता।

Click here to read full article »»

Tags | , , , , , , , , , , ,

On 19, Oct 2008 | 3 Comments | In कतरन | By amit

वैसे अच्छा हुआ कल कोडमैट्रिक्स में देरी से पहुँचे – गले की हालत खराब है और ज़ुकाम ने बेहाल कर रखा है – इसलिए कल बोलना पड़ जाता तो वाट लग जाती!

On 18, Oct 2008 | One Comment | In कतरन | By amit

नोएडा में ग्लोबल लॉजिक द्वारा आयोजित कोडमैट्रिक्स 2008 में उपस्थित। ज़रा देरी से आया, नहीं तो सॉफ़्टवेयर लोकलाइज़ेशन पर बोलता। खैर फिर कभी!!

फोकट का पैसा उड़ाने में माहिर

यह एक इंसानी प्रवृत्ति है, फोकट का माल सभी को अच्छा लगता है। तो कोई आश्चर्य नहीं होता कि भारत में बहुत से सरकारी कर्मचारी, नेता आदि लोग उपलब्ध संसाधनों का बेदर्दी से दुरुपयोग करते हैं, क्योंकि वह उनको फोकट में उपलब्ध होते हैं। टैक्सपेयर्स का पैसा उन सब के लिए बिलकुल मुफ़्त का माल है और वे “माल-ए-मुफ़्त दिल-ए-बेरहम” के सिद्धांत को पूरी श्रद्धा से मानते हैं। लेकिन ऐसा सिर्फ़ भारत के भ्रष्ट सरकारी तंत्र में ही होता है यह सोचने की भूल न करें। मुफ़्त का माल उड़ाने के लिए तो हर कोई हर समय तैयार रहता है।

Click here to read full article »»

Tags | , , ,

On 12, Oct 2008 | 2 Comments | In कतरन | By amit

सैर सपाटा खत्म हुआ; वापसी के लिए ट्रेन अब स्टेशन से चल पड़ी है, रात तक दिल्ली पहुँचा देगी; वातानुकूलित कुर्सी-कार में मेरा पहला अनुभव!! 🙂

Tags | , , , , ,

On 12, Oct 2008 | 2 Comments | In कतरन | By amit

आज सुबह सवेरे बेतवा नदी में राफ्टिंग के लिए गए; बहाव अधिक नहीं था और 3 ही रैपिड थे लेकिन मज़ा खूब रहा, नदी में तैरना भी!! 🙂

Tags | , , , , , , ,

On 11, Oct 2008 | No Comments | In कतरन | By amit

ओरछा में दिन आरामपूर्वक बीता; इस समय होटल में लोक संगीत एवं नृत्य का कार्यक्रम चल रहा है जिसे सिर्फ़ मैं और एक विदेशी मोहतरमा देख रहे हैं।

Tags | , , , , ,

On 11, Oct 2008 | No Comments | In कतरन | By amit

खजुराहो घूमना फिरना हो लिया, अब छुट्टी का आखिर दिन ओरछा में; कल दिल्ली वापसी और परसों से पुनः काम पर।

Tags | , , , , , , ,