दो सप्ताह पूर्व मैंने यहाँ पहली बार खुलासा किया था कि शीघ्र ही मेरा फोटो ब्लॉग (photo blog) शुरु होगा और यह आशा जताई थी की आगामी सप्ताहांत तक ऐसा हो जाएगा। लेकिन ऐसा हुआ नहीं, कारण ऐसा कि नियमित पाठक तो खैर अब इस आदत से परिचित हो ही गए होंगे और जो नहीं वे अब हो जाएँगे। 😉 तो बात यूँ हुई कि हफ़्तों की मेहनत के बाद मामला सब तैयार था, सप्ताहांत भी आ गया लेकिन जो वर्डप्रैस थीम (WordPress theme) मैंने चुनी थी (फोटो ब्लॉग के लिए कुछ ही थीम मिल पाईं थी और यही उनमें ठीक ठाक लगी थी) और जिसे मैंने अथक परिश्रम से अपने अनुसार संशोधित किया था वह ऐन मौके पर मुझे न जाने क्यों नापसंद हो गई, मामला ठीक न लगा और मन में कुछ अलग ही तस्वीर का अक्स उभरा। 👿
ब्लिसफुल इंफ्यूज़न.....
On 28, Jul 2008 | 4 Comments | In Blogging, Photography, फोटोग्राफ़ी, ब्लॉगिंग | By amit
स्क्रीनकॉस्ट कैसे बनाएँ.....
On 28, Jul 2008 | 10 Comments | In Technology, टेक्नॉलोजी | By amit
पिछली पोस्ट में स्वामी जी ने पूछा कि पोस्ट में लगाई गई स्क्रीनकॉस्ट (screencast) कैसे बनाई और यही संजय भाई ने भी पूछा। तो मैंने सोचा कि इसको भी यहाँ पोस्ट के रुप में ठेल देते हैं ताकि अन्य लोगों को भी पता चल सके।
स्क्रीनशॉट लेने के तो बहुत से टूल उपलब्ध हैं, मुफ़्त भी और कमर्शियल (commercial) भी, लेकिन स्क्रीन पर आप जो कुछ करें उसका वीडियो टाइप कुछ बन जाए ऐसा जुगाड़ अमूमन आपको ऐसे सॉफ़्टवेयरों में नहीं मिलेगा।
आओ बनाएँ वर्डप्रैस एडमिन सुन्दर.....
On 26, Jul 2008 | 6 Comments | In Blogging, ब्लॉगिंग | By amit
वर्डप्रैस का एडमिन वर्ज़न 2.5 के बाद से पहले से अधिक सुन्दर हो गया है, लेकिन फिर भी लगता काफ़ी कुछ पुराने जैसा ही है, बस रंग ही बदले नज़र आते हैं। नए वर्डप्रैस एडमिन के लिए कुछेक थीम भी उपलब्ध हैं लेकिन उनमें भी सिर्फ़ रंग रोगन ही बदलता है, बाकी ढाँचा यानि कि पेज लेआउट (Page Layout) तो पहले जैसा ही रहता है। मैं इसी का इलाज ढूँढ रहा था तो एक प्लगिन (plugin) मिल गया जिसको वर्डप्रैस के प्लगिन फोल्डर में डाल के एडमिन में से एक्टिवेट (activate) करने पर वर्डप्रैस एडमिन का पूरा नक्शा ही बदल जाता है।
कोई इनको पैसे दे दो .....
On 21, Jul 2008 | 7 Comments | In Here & There, इधर उधर की | By amit
याहू के हाल खस्ता हैं, यह बात कोई नई नहीं। याहू का बोर्ड किसी ईश्वरीय दूत की राह देख रहा है जो पैसा लगा याहू को इस दलदल से निकाल सके, चाहे उसे उसकी औकात से अधिक दाम देकर या दान देकर! दूसरी ओर याहू के मौजूदा बोर्ड, चीफ़ एक्ज़ेक्यूटिव ऑफिसर (Chief Executive Officer) जैरी यैंग (Jerry Yang) और नई-२ प्रेज़ीडेन्ट बनी सूसन डैकर (Susan Decker) आदि का जीना हराम किए हुए हैं कार्ल आईकॉन (Carl Icahn) एण्ड कंपनी जो कि मौजूदा बोर्ड को पतली गली का रास्ता दिखाने की पुरजोर कोशिश में लगे हैं। 👿
On 17, Jul 2008 | 3 Comments | In कतरन | By amit
आईफोन का बॉयकाट करे है फ्री सॉफ़्टवेयर फाउंडेशन, उपभोग्ता के विकल्प मारता है यह शैतानी गैजेट! अब आलोक भाई क्या कहेंगे?!! 😉 http://is.gd/R8L
On 15, Jul 2008 | 4 Comments | In कतरन | By amit
वर्डप्रैस का वर्ज़न 2.6 – कई नई सुविधाओं के साथ आज रिलीज़ हो गया है। अपन तो थोड़ी तेल की धार देख अपग्रेडियाएँगे, पहले नहीं! http://is.gd/Tzc
मेरे पास आईफोन है.....
On 14, Jul 2008 | 6 Comments | In Cartoon, Satire, Technology, कार्टून, टेक्नॉलोजी, व्यंग्य | By amit
On 13, Jul 2008 | 2 Comments | In कतरन | By amit
हंगरी से लाई वाइन की बोतलें कल रात मित्रों के बीच खोली। ईग्री बिकावर (Egri Bikavér) लाल वाइन अपेक्षा अनुसार थोड़ी तगड़ी निकली, आम लाल वाइनों की भांति यह फुल बाडीड नहीं होती और थोड़ी स्पाईसी होती है, इसको चखने के बाद समझ आया कि लगभग पाँच सौ वर्ष पहले क्यों तुर्क सिपाहियों को लगा था कि इस वाइन में ईगर (Eger) वाले (हंगरी में वह जगह जहाँ यह वाइन बनती है और जिस पर तुर्क हमला करने आए थे) अवश्य ही सांड का खून मिलाते हैं और तभी से इस वाइन का नाम बुल्स ब्लड (Bull’s Blood) पड़ गया। जहाँ लाल वाइन तगड़ी थी वही टोकाए आस्ज़ू (Tokaji Aszú) सफ़ेद वाइन अमृत समान निकली, इसको पीकर समझ आया कि क्यों टोकाए वाइन्स को फ्रेन्च बादशाह लुई चौदह ने बादशाहों की वाइन का दर्जा दिया था! 😀 शैम्पेन जैसे सुनहरे रंग की यह वाइन मीठी होती है(और मैं तो सबसे कम मीठी लाया था) और इसकी कीमत इसकी मिठास के स्तर पर निर्भर करती है, जितनी अधिक मीठी उतनी अधिक महंगी!! 😉
आह यह बेसब्री .....
On 12, Jul 2008 | 9 Comments | In Blogging, Photography, फोटोग्राफ़ी, ब्लॉगिंग | By amit
काफ़ी समय से सोच रहा हूँ कि अपना एक फोटो ब्लॉग (photo blog) आरंभ करूँ, यह सोच पिछले वर्ष अधिक प्रबल हुई जब फोटोग्राफ़ी का शौक परवान चढ़ने लगा, लेकिन फिर सोचता कि क्या करना है पहले ही इतने सारे ब्लॉग हैं मेरे जो कि लगभग सभी अनाथ पड़े हैं, काहे एक और अनाथ की वृद्धि की जाए!! बहुतों ने कहा कि समस्या क्या है, कन्टेमप्लेट (contemplate) काहे करते हो, शुरु करो अपना फोटो ब्लॉग। आखिरकार मैंने निर्णय लिया और फोटो ब्लॉगिंग के लिए मुफ़्त सॉफ़्टवेयर ढूँढने लगा लेकिन काफ़ी ढूँढने के बाद भी कुछ ऐसा नहीं मिला जो मेरी इच्छानुसार हो। वर्डप्रैस के लिए भी कुछ प्लगिन और थीम आदि मिलीं लेकिन वे भी मेरी इच्छानुसार नहीं निकले, जो मुझे चाहिए था वह उनमें किसी में न मिला। आखिरकार निर्णय लिया कि स्वयं ही सॉफ़्टवेयर बनाया जाए अपनी इच्छानुसार और अति उत्साहित हो मैंने कार्य आरंभ किया। लेकिन हुआ वही जो अक्सर मेरे साथ होता है, अभी उस पर थोड़ा सा ही काम किया था कि कुछ अन्य मुद्दे सामने आ गए, फिर ऑफिस के कार्य ने घेर लिया और इस तरह वह फोटो ब्लॉग सॉफ़्टवेयर अधूरा ही छूट गया। 🙁
हिन्दी में ब्लॉग पता
On 11, Jul 2008 | 7 Comments | In Technology, टेक्नॉलोजी | By amit
अब आखिरकार अपने लिए पहला हिन्दी डोमेन (अमितगुप्ता.com) तो ले ही लिया, सोचा कि इस ब्लॉग के पते को भी हिन्दी में कर दिया जाए। तो इसलिए “हिन्दी” के प्यूनी कोड में एक सब-डोमेन (sub-domain) बना के उसको इस ब्लॉग पते पर रीडायरेक्ट करवा दिया। यानि कि अब आप इस ब्लॉग पर आने के लिए इसके हिन्दी पते हिन्दी.अमितगुप्ता.com को भी प्रयोग कर सकते हैं।