नई टेक्नॉलोजी जब आती है तो कई बार विकल्पों के साथ आती है, कम से कम डाटा स्टोरेज और वीडियो स्टोरेज के मामले में ऐसा कहा जा सकता है। और जब एक ही चीज़ के भिन्न प्रकार हों तो होता है उनमें युद्ध – विजेता का हो जाता है एकाधिकार – क्योंकि एक से अधिक तलवारें एक म्यान में नहीं रह सकती।
कैसा युद्ध? अब मैंने तो सिर्फ़ पिछली बार के युद्ध के बारे में पढ़ा ही है क्योंकि अपन युद्ध के अंतिम दिनों में पैदा हुए थे और जब तक अपने को कुछ समझ आती तब तक युद्ध समाप्त हो चुका था। यह युद्ध था सोनी(Sony) और जेवीसी(JVC) के बीच वीडियो रिकॉर्डिंग फॉर्मेट(format) के कारण। सोनी(Sony) ने सन् 1975 में निकाला बीटामैक्स (Betamax) का वीडियो कैसेट और उसके एक वर्ष बाद जेवीसी(JVC) ने निकाला अपना वीएचएस (VHS) वीडियो कैसेट। क्या किसी को याद आ रहा है कि विजयी कौन हुआ था? 😉 लगभग एक दशक तक चली इस टेक्नॉलोजी की लड़ाई में आखिरकार जेवीसी(JVC) की तकनीक विजयी हुई और सोनी(Sony) का बीटामैक्स(Betamax) पिट गया। उसके बाद तकरीबन अगले एक दशक तक हर ओर वीएचएस(VHS) का राज रहा। डिजिटल टेक्नॉलोजी आई तो पहले आई वीडियो सीडी(Video CD) और फिर डीवीडी(DVD)। इस डीवीडी(DVD) में भी कई लोचे रहे, एक फॉर्मेट था DVD R+ और दूसरा DVD R- था, पर खैर इनके लोचे से आगे बढ़ते हैं।
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