पिछले अंक से आगे …..
सुबह उठ सभी जल्दी तैयार हुए और होटल में ही तुरन्त नाश्ता निपटा के दरगाह शरीफ़ की ओर निकल पड़े। पार्किंग में गाड़ी खड़ी कर हम लोग दरगाह की ओर चल पड़े। बाज़ार में हितेश और योगेश ने सुन्दर सी टोपियाँ खरीदीं।
( दरगाह में जाने के लिए तैयार )
हितेश तो लाल रंग की जैकेट, अपनी टोपी और धूप के चश्में के कारण किसी फिल्म का हीरो टाईप ऑटो ड्राईवर लग रिया था!! 😉 हमको बाज़ार में ही एक साहब मिले जो हमारा मार्गदर्शन करते हुए हमें दरगाह तक ले गए। दरगाह पर चढ़ाने के लिए चादर आदि ले कर हमने दरगाह में प्रवेश किया, वे साहब निरंतर हमारे साथ मार्गदर्शन करते हुए चल रहे थे। फ़िर एक जगह अंदर अंदर प्रवेशद्वार पर वे रूके, वहाँ बैठे मुल्ला जी ने हमें अपने सामने बिठा हमसे अजमेर शरीफ़ के दरबार में दुआ मंगवाई।
