ब्लॉगराईनों की बढ़ी व्यथा..... मुई ब्लॉगिंग.....
On 19, Jul 2007 | 10 Comments | In Cartoon, कार्टून | By amit
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बढ़िया है। मेरे ख़्याल से इन बहनों को भी ब्लॉगिंग शुरू कर देनी चाहिऐ! हा हा हा
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bahut badhiyaa.
deepak bhaaratdeep -
बाकी तो सब ठीक है लेकिन कार्टून स्ट्रिप बनाने वाले उस्ताद ये टिप देते हैं की संवाद छोटे और सटीक होना चाहिए.
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मजा आ गया…
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बाबा के पास जाते समय बहन जी कपड़े ज़रा पूरे पहन लेना नहीं तो लेने के देने पड़ जाएंगे।
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बहुत बढिया!जरा बाबा जी को मना कर देना कि इन्हें
इस मर्ज की दवा ना दे। -
बढ़िया है। तहसीलदारिन, जमादारिन की कतार में आपको ब्लागराइन भी नज़र आ गई। बधाई।
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रत्नाजी की सलाह और स्वामीजी की भी सलाह काबिलेगौर है। 🙂
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बाकी तो सब ठीक है लेकिन कार्टून स्ट्रिप बनाने वाले उस्ताद ये टिप देते हैं की संवाद छोटे और सटीक होना चाहिए.
टिप का शुक्रिया स्वामी जी, अभी नया हूँ इस मामले में, धीरे-२ सुधार होगा, प्रयास जारी है। 🙂
बाबा के पास जाते समय बहन जी कपड़े ज़रा पूरे पहन लेना नहीं तो लेने के देने पड़ जाएंगे।
ही ही ही ही!!! 😉 😀
जरा बाबा जी को मना कर देना कि इन्हें इस मर्ज की दवा ना दे।
अब उ हम कईसे मना कर सकते हैं जी, बाबा जी ठहरे परम ज्ञानी, उ सब जानते हैं कि कब क्या करना है। 😉
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इन ब्लॉगराइनों के पतियों को खबर लग गई तो बाबा जी से इनको भी ब्लॉगर बनाने का नुस्खा ले लेंगे। 🙂
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