शनिवार को आदतन देर से उठा, भई सप्ताहांत पर देर तक नहीं सोऊँगा तो कब सोने को मिलेगा!! लेकिन एक कारण यह भी था कि मैं देर से सोया था। बहरहाल, उठकर GTalk खोल बैठा था कि कोई टाईमपास को मिले, नीरज भाई दिख गए ऑनलाईन। थोड़ी देर इधर-उधर की बात की, तत्पश्चात मैंने पूछा कि क्या उनका अवकाश है तो बोले कि है। तो मैंने कहा कि भई मिलो फिर, तो उनका उत्तर था कि सायं पाँच बजे उनके घर पहुँच जाऊँ, सृजनशिल्पी जी और मैथिली जी को भी उन्होंने न्यौता दे दिया था। अब मैंने सोचा कि शनिवार है, सांय काल है, नोएडा जाने वाली ओर अधिक यातायात नहीं होगा, आधे घंटे में पहुँच जाउँगा, इसलिए ठीक साढ़े चार बजे घर से निकला। परन्तु मार पड़े बेवक्त के यातायात को और बेवकूफ़ लोगों को, सफ़दरजंग हस्पताल से पहले, साऊथ एक्स और आश्रम चौक के बाद ऐसा यातायात मिला(कई जगह तो खामखा का ठहराव था) कि खामखा का आधा घंटा बर्बाद हो गया और मैं पाँच बजकर बीस मिनट पर पहुँचा। इसी बीच रास्ते में नीरज भाई का फोन भी आ चुका था। बहरहाल नीरज भाई का घर ढूँढने में कोई दिक्कत नहीं आई। पहुँचकर पता चला कि (हर बार की तरह?)मैं ही सबसे पहले पहुँचा हूँ!! 😉
थोड़ी देर बाद सृजनशिल्पी जी और मैथिली जी भी आ गए, सृजनशिल्पी जी ने समय व्यर्थ न करते हुए चर्चा आरम्भ की। वार्ता चलती रही, उधर नीरज भाई और मैने सुबह से कुछ खाया नहीं था इसलिए भोजन आदि मंगवा लिया गया, सृजनशिल्पी जी और मैथिली जी ने साथ दिया। खाने के पश्चात नीरज भाई ने पूछा कि क्या मैं कैमरा लाया हूँ तो मैंने खेदपूर्वक स्वीकार किया कि कैमरा तो नहीं लाया। परन्तु तभी ध्यान आया कि मोबाईल में झकास सा कैमरा है तो फिर क्या गम है, सबका फोटो लिया गया।

(बांये से: मैथिली जी, सृजनशिल्पी जी और नीरज भाई)
कुछ देर बाद नीरज भाई ने कंप्यूटर चालू किया तो उनको GTalk पर इटली वाले रामचन्द्र मिश्रा जी मिल गए जो कि उस समय पास्ता बना रहे थे। 😉 तो उनसे वार्ता आरम्भ की गई। इस तरह रामचन्द्र जी को ब्लॉगर भेंटवार्ता में रिमोटली भाग लेने वाले पहले हिन्दी ब्लॉगर होने का गौरव प्राप्त हुआ। अब पॉडकॉस्ट आदि बहुत चल रही हैं, तरकश वाले बन्धु आए दिन हॉटलाईन पर किसी न किसी को गर्म करते रहते हैं, तो हम लोगों ने सोचा कि रामचन्द्र जी से हो रही वार्ता को रिकॉर्ड कर लिया जाए तो यह एक नया अनुभव होगा। 😉 कुछ समय पश्चात तरकश वाले पंकज भाई अवतरित हुए। उनसे भाग लेने का अनुरोध किया लेकिन उन्होंने यह कहकर इंकार कर दिया कि वे घर जा रहे हैं। लगता है कि भौजाई ने जल्दी घर आने को बोला था, इसलिए हम लोगों का प्रस्ताव नकार दिया!! 😉 😛 तो हमने किसी और को पकड़ने की सोची। भुवनेश जी दिखाई दिए, लेकिन उनके पास स्पीकर तथा माईक्रोफोन का जुगाड़ नहीं था, नाराज़ होकर वे भी चले गए। फिर हैदराबाद वाले सागर जी अवतरित हुए, इनके पास तो स्पीकर तथा माईक्रोफोन का जुगाड़ होने के बहुत आसार थे, तो हमने रामचन्द्र जी को ठंडा होने के लिए छोड़ दिया और थोड़ी ही देर में सागर जी हॉटलाईन पर हमारे साथ थे। इस तरह टेक्नॉलोजी के कमाल द्वारा ब्लॉग भेंटवार्ता में रिमोटली भाग लेने वाले सागर जी दूसरे शख्स बने। कुछ क्षण पश्चात मेरे दिमाग में आईडिया आया कि क्यों न वीडियो उतारा जाए। तो अपना मोबाईल तुरंत निकाल वीडियो रिकॉर्डिंग आरम्भ कर दी। इस वीडियो को और सागर जी से हुई (लगभग पूर्ण) बातचीत को आप यहाँ देख/सुन सकते हैं। सागर जी से हुई बातचीत के दौरान नीरज भाई ने अपनी मधुर आवाज़ में एक गीत भी सागर जी को सुनाया जो कि वीडियो में रिकॉर्ड कर लिया गया। 🙂
तकरीबन सांय सवा आठ बजे सभा बर्ख़ास्त हुई और सभी अपने-२ ठिकानों की ओर चल दिए।
 
 
 
 
 
 
                        
 
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