मुझे यह समझ नहीं आता कि कुछ मूर्ख अमेरिकी और अंग्रेज़ अपने बारे में यह खुशफहमी क्यों पाल लेते हैं कि वे सोक्रेटीस जितने ज्ञान वाले और दस-बारह डॉक्टरेट की औकात के होते हैं??!! भारत का नाम आते ही वे धोबी से मार खाए गधे की भांति रेंकने लग जाते हैं कि फलां बंदा भारतीय है इसलिए उसकी अंग्रेज़ी खराब है, वह कम पढ़ा लिखा है। क्या भारतीय होना पढ़े लिखे होने के स्तर का सर्टिफिकेट है? कदाचित्‌ ये मूर्ख यह नहीं जानते कि भारतीय इन अमेरिकियों और अंग्रेज़ों की मातृभाषा इतनी अच्छी जानते हैं जितनी वे स्वयं नहीं जानते। और रही पढ़ने लिखने की बात तो यह सब जानते हैं कि भारत के स्कूलों आदि की पढ़ाई अमेरिकी और ब्रिटिश स्कूलों से अधिक कठिन होती है। मुझे याद है जब मैं आठवीं कक्षा में था तो मेरी क्लास में साथ पढ़ने वाली लड़की अमेरिका से वापस आई थी(वह पिछले वर्ष अमेरिका गई थी) और आकर उसने यह बताया कि जो चीज़ गणित आदि में हम लोग छठी कक्षा में पढ़ चुके हैं वह अमेरिकी स्कूलों में दसवीं के स्तर की कक्षा में पढ़ाया जाता है!!

लेकिन कुछ मूढ़ अमेरिकी और ब्रिटिश आज भी यही समझते हैं कि पढ़ाई लिखाई इन्हीं के देशों में होती है, बाकी दुनिया तो अभी भी पाषाण युग में जी रही है!! कई बार ऐसे मूर्खों से किसी न किसी ब्लॉग आदि पर पाला पड़ जाता है जहाँ ये अपना फटा राग रेंक रहे होते हैं!! बोइंग-बोइंग पर एक पोस्ट छपी थी एक ब्लॉग के बारे में जिसके ब्लॉगर ने एक आऊटसोर्सिंग सेवा के द्वारा अपने ब्लॉग के लिए भारत से एक व्यक्ति को भाड़े पर लिया जो उसके लिए उसके ब्लॉग पर लिखता है। और इसी पोस्ट पर ऐसे ही एक गर्दभराज की टिप्पणी दिख गई!