एक बात जो मुझे मैथ्यू रेली (Matthew Reilly) के उपन्यासों में भाती है वह यह कि कहानी चाहे कितनी ही वाहियात क्यों न लगे, उनको पाठक को मंत्रमुग्ध कर बाँधे रखना आता है। उनके उपन्यास एक रोलरकोस्टर की सवारी की भांति होते हैं जो कि ना बीच में रुकती है न ही धीमी होती है, बस एक बार शुरु हो गई तो अनवरत चलती हुई अंत पर जाकर ही रुकती है!!