इस वर्ष के शुरु में मैंने अपनी एक ब्लॉग पोस्ट के चोरी होने के बारे में बताया था कि कैसे अपने को लेखक और पत्रकार और अध्यापक कहने वाले एक व्यक्ति ने मेरे इस ब्लॉग से एक लेख चोरी करके अपने ब्लॉग पर छापा था। अब एक और चोर ने इसी ब्लॉग से एक और लेख को चोरी कर अपने ब्लॉग पर अपने नाम से छापा है।

यह कोई मामूली छोटा मोटा चोर नहीं है, वरन्‌ ऊँचे दर्जे का चोर है। यह व्यक्ति पिछले चोर से भी ऊँचे दर्जे का चोर है। इस वर्ष 6 अप्रैल को मैंने यहाँ इस ब्लॉग पर एक लेख लिखा था इंटेक्स के एक नए फोन के बारे में बताने के लिए – 25 दिन चलती है इस मोबाइल फोन की बैट्री। इस लेख को इस चोर ने अपने ब्लॉग “May I Help You” पर जस का तस चोरी करके यहाँ छाप दिया

चोर बापी - Thief Baapi

तो आईये मिलते हैं इस चोर बापी से जो कि आरआरअधिकारी.ब्लॉगस्पॉट.कॉम पर मे आई हेल्प यू (May I Help You) नाम का ब्लॉग चलाते हैं, या यूँ कहूँ कि चोर-ब्लॉग चलाते हैं। अपने ब्लॉग के बारे में यह कहते हैं कि यदि किसी को कंप्यूटर संबन्धी समस्या है तो उसका समाधान इनके पास है और अंग्रेज़ी में कहते हैं कि ये लोगों को बताते हैं कि आईटी (IT) के संबन्ध में क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए। वल्लाह!! 🙄 ये लोगों को क्या बताते होंगे? कि चोर ब्लॉग कैसे चलाया जाए? कैसे दूसरों की मेहनत का माल चोरी करके अपना ब्लॉग चलाया जाए? 🙄

मैंने अभी कहा कि ये बड़े चोर हैं और चोर ब्लॉग चलाते हैं। तो दो बातें हैं यहाँ, कि ये बड़े चोर कैसे हुए और चोर ब्लॉग क्या होता है। तो जनाब पहले देखते हैं चोर ब्लॉग की परिभाषा। आपने चोर बाज़ार के बारे में तो सुना ही होगा। वह एक ऐसा बाज़ार होता है जहाँ चोरी का सामान खरीद-फ़रोख़्त के लिए रखा होता है। तो ऐसे ही चोर ब्लॉग होता है जहाँ सब माल चोरी का होता है और पाठकों की प्रतीक्षा में होता है। जिस प्रकार चोर दूसरों का माल चोरी करके चोर बाज़ार में बेच देते हैं उसी प्रकार अपने को ब्लॉगर कहने वाले चोर दूसरों के ब्लॉग आदि से लेख वगैरह चुरा के अपने ब्लॉग पर डाल पाठकों को परोसते हैं। ये ऐसे दुखियारे होते हैं जिनको लिखना नहीं आता, सिर्फ़ चोरी करना आता है। अमूमन ये लोग ईज़ी मनी (easy money) की फिराक में होते हैं, यानि कि दूसरों का माल चोरी करके अपने ब्लॉग पर डालो और विज्ञापन लगा दो और उसके बाद मुँह खोल के खड़े हो जाओ कि डॉलरों की बरसात होगी और इनका मुँह उससे भर जाएगा। 🙄

अब बात आती है कि ये बड़े चोर कैसे हैं। तो बात यूँ है कि इनके ब्लॉग पर मुझे एक भी लेख ऐसा नहीं दिखा जो इन्होंने कहीं से चोरी न किया हो। मेरे ब्लॉग से चोरी किया है, समाचार पत्रों की वेबसाइट से चोरी किया हुआ है। वेबदुनिया वालों से इनको खास लगाव दिखता है, वहाँ से इन्होंने काफ़ी माल चुरा कर अपने चोर ब्लॉग पर छापा हुआ है। कोई वेबदुनिया वालों को बताओ कि ये चोर उनके माल को अपने नाम से अपने चोर ब्लॉग पर छाप रहा है।

और फिर रांची के एक अख़बार आई नेक्सट (i Next) में ब्लॉगिंग संबन्धी छपे एक लेख में इन्होंने कहा कि इनको बहुत आश्चर्य हुआ कि इनके लिखे एक लेख पर तेरह हज़ार हिट हुए। तेरह हज़ार हिट? लगता है इस चोर को गिनना भी नहीं आता। जब से यह शुरु हुआ है इस चोर ब्लॉग पर आज तक कुल 1300 हिट नहीं हुए और ये तेरह हज़ार हिट की डींग एक लेख पर मार रहे हैं। 🙄


और शायद जनाब गलती में चोरी करने को लिखना कह गए, क्योंकि यदि लिखना इस चोर को आता तो फिर चोरी ही क्यों करता। 🙄

वो कहते हैं ना कि चोरी में भी अक्ल की आवश्यकता होती है लेकिन लगता है कि ये दिमाग से पैदल चोर हैं। अब देखिए ब्लॉगवाणी को पिंग करने के लिए अपने चोर ब्लॉग पर इन्होंने जो लिंक लगाया है वो अविनाश बाबू के ब्लॉग मोहल्ला से जस का तस चुरा के अपने चोर ब्लॉग पर लगाया हुआ है। 🙄


यानि कि इस मूढ़ चोर में इतनी भी समझ नहीं कि जो यह लगा रहा है अपने चोर ब्लॉग पर उसका अर्थ क्या है। और जिसको इतना ज्ञान नहीं वो लोगों की कंप्यूटर और आईटी संबन्धी समस्याओं को दूर करने का दावा करता है, वल्लाह!! 🙄

अब कुछ लोग सोचेंगे(और कदाचित्‌ कहेंगे भी) कि मुझे ऐसे बीच बाज़ार इस चोर की इज़्ज़त नहीं उछालनी चाहिए थी, चोर को अपनी गलती सुधारने का मौका देना चाहिए था। तो जानने वाले जानते हैं कि मैंने इस चोर के ब्लॉग पर मेरी चोरी कर छापी पोस्ट पर एक विनम्र टिप्पणी की थी कि यह लेख इन्होंने मेरे ब्लॉग से उठाया है और विनम्र निवेदन किया कि वे उस पोस्ट को अपने ब्लॉग से हटा लें। अब ऐसा नहीं है कि इस चोर ने वह टिप्पणी पढ़ी नहीं, बिलकुल पढ़ी, यकीनन पढ़ी, और अगले ही दिन अपने चोर ब्लॉग पर टिप्पणियों की सुविधा स्थगित कर दी ताकी कोई टिप्पणी न दे पाए और मौजूदा टिप्पणियाँ छुप जाएँ। यानि कि चोर को पता है कि उसने चोरी की है और उसकी चोरी छुपी नहीं रही है!! और फिर ऐसे घुटे हुए चोर की इज़्ज़त ही क्या, ऐसे लोगों से मुझे कोई सहानुभूति नहीं होती। व्यक्ति गलती करता है वो समझ आता है, उसको गलती सुधारने का मौका देना इंसानियत है, लेकिन मौका देने के बाद भी जो न सुधरे उसके साथ ऐसा व्यवहार यथोचित है।

आप भी देख लें कि कहीं आपका माल भी तो नहीं चुरा के छापा हुआ इस चोर बापी ने अपने चोर ब्लॉग पर, क्योंकि कोई भरोसा नहीं हो भी सकता है ऐसा, आखिर चोर ब्लॉग है जहाँ सब माल चोरी का ही है।

 
मैं धन्यवाद देना चाहूँगा अपने ब्लॉग के उस सजग पाठक को जिन्होंने इस चोरी की सूचना दी। वे कौन हैं यह मैं उनकी प्राइवेसी की खातिर नहीं ज़ाहिर करूँगा।

 
अपडेट: इस चोर ने अपने चोर ब्लॉग पर चोरी करके छापी मेरी पोस्ट हटा दी है। लेकिन अभी भी वह चोर ब्लॉग ही है क्योंकि बाकी माल अभी भी चोरी का ही है वहाँ जो कि वेबदुनिया आदि से चुरा के डाला हुआ है। अभी इन्होंने तीन दिन पहले जो जीपीएस पर लेख डाला है वह वेबदुनिया से हूबहू चुराया हुआ है जो कि वेबदुनिया पर 30 जुलाई 2008 को छपा था।