ऑयरन मैन (Iron Man) कॉमिक्स का एक काल्पनिक पात्र है जो कि सुपर हीरो है। मारवल कॉमिक्स(वही कॉमिक्स जिसमें स्पाइडरमैन की कॉमिक्स भी प्रकाशित होती हैं) का यह पात्र वर्षों से बच्चों को मोहित करता आ रहा है, इस पर कार्टून सीरियल भी बने। इस तरह के काल्पनिक कॉमिक्स के पात्रों पर बनी हॉलीवुड की फिल्में मुझे खासी पसंद हैं, स्पाइडरमैन भी पसंद आई, बैटमैन भी पसंद आई, और अब हाल ही में यह ऑयरन मैन भी रिलीज़ हुई।
एक शुक्रवार आशीष से पूछा कि चलेगा क्या देखने तो उत्तर मिला कि वो अपनी एक मित्र से भी पूछ लेगा और टिकट खुद ही बुक करवा लेगा, मुझे क्या आपत्ति हो सकती थी तो मैंने कह दिया ठीक है। अगले दिन शनिवार को मैं एक साहब से मिलने क्नॉट प्लेस गया और हम वहाँ केएफ़सी (KFC) में बैठे भोजन के आने की प्रतीक्षा कर रहे थे कि आशीष बाबू का फुनवा आया और बाबू साहब फरमाए कि तीन टिकट मैं बुक कराऊँ क्योंकि उनके सदाबहार गुड़गाँव में बिजली नहीं है(हैवल्स के पंखे नहीं लगा रखे होंगे)!! एक बार तो मैं झल्ला गया कि मैं घर से बाहर हूँ, पास में लैपटॉप भी नहीं है इंटरनेट कनेक्शन के साथ, कैसे टिकट कराई जाए!! 😡 फिर ध्यान आया कि कुछ समय पहले मैंने बुकमाईशो.कॉम का मोबाइल सॉफ़्टवेयर अपने फोन में डाला था, इंटरनेट कनेक्शन तो मोबाइल में है ही, तो बस तुरंत मोबाइल निकाला और टिकट बुक करा दी। 👿 (इस मोबाइल सॉफ़्टवेयर के बारे में जल्द ही पोस्ट ठेली जाएगी यहाँ पढ़ें) गनीमत थी कि हमारे हिसाब से माकूल समय के शो के लिए सिनेमा में पीछे की कतार में लगभग बीच की तीन सीटें खाली थी जो कि मैंने तुरंत बुक कर दी वर्ना हाउस फुल तो लगभग हो ही गया था!! 😉 😎
सैम रैमी द्वारा निर्देषित स्पाइडरमैन (Spiderman) तथा क्रिस्टोफ़र नोलन द्वारा निर्देषित बैटमैन बिगिन्स (Batman Begins) की ही भांति यह फिल्म भी लगता है निर्देषक जॉन फावेरियू द्वारा एक सीरीज़ की शुरुआत है और इस फिल्म में ऑयरन मैन के बनने की कहानी है।
फिल्म में दर्शाया है कि कैसे हथियार और उनकी टेक्नॉलोजी को विकसित करने वाली कंपनी का बेहतरीन दिमाग वाला एक ऐय्याश अरबपति मालिक ऐय्याशी भरी ज़िंदगी जी रहा होता है जब उसे अफ़ग़ानिस्तान जाकर अमेरिकी सेना को एक नई मिसाइल दिखानी होती है और वहीं उस पर आतंकवादियों द्वारा हमला होता है जिसमें उसी की कंपनी के हथियार प्रयोग किए जाते हैं और वह इस कदर ज़ख्मी हो जाता है कि उसके बचने की संभावना ही नहीं होती लेकिन आतंकवादियों को वह ज़िंदा चाहिए होता है ताकि वे उससे वह मिसाइल बनवा सकें इसलिए उनकी गिरफ़्त में मौजूद एक डॉक्टर उसे जुगाड़ लगा के बचा लेता है, उसके दिल के पास एक इलैक्ट्रोमैग्नेट लगा दी जाती है जिससे बम फटने से उसके खून में मिल गए लोहे के महीन टुकड़े उसके दिल को न भेद सकें। लेकिन अपना हीरो मिसाइल बनाने की जगह कुछ और बना डालता है, एक ऐसा लौह कवच जो उसकी आतंकवादियों की गिरफ़्त से निकलमें में सहायता करेगा।
निकल भागने की कोशिश में वह लौह कवच तो नष्ट हो जाता है लेकिन कहानी के हीरो टोनी स्टॉर्क (Tony Stark) को एक दिशा मिल जाती है और उसके दिमाग में इंजीनियर का कीड़ा कुलबुला उठता है। वापस अमेरिका पहुँच वो इसी काम में लग जाता है। अंत में ऑयरन मैन का जो लाल-सुनहरा कवच बन के तैयार होता है वह बहुत ही मोहक लगता है। फिल्म में अभिनेता रॉबर्ट डाऊनी जूनियर (Robert Downey Jr.) ने अच्छा अभिनय किया है, अन्य सुपर हीरो फिल्मों की तरह एकदम संजीदा किरदार नहीं निभाया है वरन् मज़ाक करने वाला एक खुशमिजाज़ टाइप बंदे का अभिनय किया है। लोकेशन भी इस फिल्म में अभी तक की आई सुपर हीरो फिल्मों से थोड़ा हटकर रही हैं, इसमें न्यू यार्क स्टाइल आसमान छूती इमारतें और उनके बीच गुण्डों से कबड्डी खेलता सुपर हीरो नहीं दिखाया गया है। 😀 ग्वेनेथ पॉल्ट्रो (Gwyneth Paltrow) ने टोनी स्टॉर्क की असिस्टेन्ट पैप्पर पॉट्स (Pepper Potts) का किरदार किया है और एक बार फिर ग्वेन के अभिनय ने निराश ही किया है। वैसे इस फिल्म में ग्वेन को अभिनय के लिए अधिक स्कोप नहीं मिला है तो इसलिए इस बार के खराब अभिनय को नज़रअंदाज़ किया जा सकता है।
एक चीज़ जो मुझे हॉलीवुड की फिल्मों में अच्छी लगती है वह यह कि वे लोग फिल्म में बढ़िया तकनीक का प्रयोग करते हैं, स्पेशल इफेक्ट्स और साऊंड उच्च क्वालिटी की होती हैं और इस मामले में इस फिल्म ने भी निराश नहीं किया है। 🙂 ज़हीन लोगों को इस फिल्म की कहानी में कदाचित् दम न लगे लेकिन सुपर हीरो वाली फिल्में फिर वैसे भी उनके लेवल की नहीं होती हैं। फिल्म के दो मुख्य किरदारों, रॉबर्ट डाऊनी जूनियर और जेफ़ ब्रिजिस (Jeff Bridges) (जो कि विलेन बने हैं), ने अपने पात्रों के साथ नाइंसाफ़ी बिलकुल नहीं की है और दमदार अभिनय किया है। तीसरे मुख्य किरदार ग्वेनेथ पॉल्ट्रो का अभिनय नज़रअंदाज़ किया जा सकता है। एक और किरदार है लेफ्टिनेन्ट कर्नल जिम रोड्स का जिसे टेरेन्स हॉवर्ड (Terrence Howard) ने निभाया है जो कि कहानी में टोनी स्टॉर्क के अज़ीज़ मित्र का किरदार है, इस किरदार में भी काफी दम है जो कि आगे की फिल्मों में दिखाई देगा यदि फिल्में अभी तक की ऑयरन मैन कॉमिक्स की कहानी पर ही चलती हैं तो, फिलहाल इस फिल्म में टेरेन्स को भी अधिक पंख फैलाने का मौका नहीं मिला तो उनके बारे में कुछ कहना जायज़ न होगा।
कुल मिलाकर एक बढ़िया फिल्म है, जिन लोगों को सुपर हीरो वाली और कॉमिक्स किरदारों की फिल्में पसंद हैं उनको अवश्य देखनी चाहिए, ऑयरन मैन के चाहने वालों ने तो अब तक खैर देख ही ली होगी। 🙂 :tup:
Comments