माइक्रोब्लॉगिंग? लो अब आप सोचने लग गए होंगे कि यह क्या नया शगूफ़ा आ गया!! अभी तो ब्लॉगिंग, और वह भी यूनिकोडित हिन्दी ब्लॉगिंग और उसके बाद हिन्दी मोब्लॉगिंग (Moblogging), के सदमे से ही न उबरे थे, अब यह नई आफ़त कहाँ से आ गई!!
तो आईये पहले ज़रा फटाफट जानते हैं कि यह माइक्रोब्लॉगिंग (Micro Blogging) आखिर है क्या। विकिपीडिया के अनुसार:
Micro-blogging is a form of blogging that allows users to write brief text updates (usually 140 characters) and publish them, either to be viewed by anyone or by a restricted group which can be chosen by the user. These messages can be submitted by a variety of means, including text messaging, instant messaging, email, or the web.
इसका यदि हिन्दी में अनुवाद किया जाए तो कुछ ऐसा होगा:
माइक्रोब्लॉगिंग ब्लॉगिंग का एक ऐसा रूप है जिसमें ब्लॉगर द्वारा एक संक्षिप्त पोस्ट (अमूमन 140 अक्षरों में) लिखकर छापी जाती है जो कि आम जनता अथवा कुछ चुनिन्दा लोगों के पढ़ने के लिए होती है। यह संदेश भिन्न माध्यमों द्वारा पोस्ट किए जा सकते हैं जैसे कि इंटरनेट चैट (chat) सेवा द्बारा, ईमेल द्वारा, अथवा विश्व व्यापी वेब (World Wide Web) द्वारा।
यानि कि यह भी ब्लॉगिंग का ही एक रूप है। पर आप सोच रहे होंगे कि इसमें और जो ब्लॉगिंग आप करते हैं उसमें क्या फर्क है? फर्क यह है कि इसमें आप पुराण नुमा पोस्ट छापने की जगह महज़ कुछ पंक्तियों में ही काम निपटा लेते हैं, कुछ-२ कहिए तो मोबाइल के लघु संदेश (SMS) की भांति।
मैं जानता हूँ कि अब आप सोच रहे होंगे कि इसमें कौन सी नई बात है, आलोक भाई तो कब से यही करते आ रहे हैं!! उनकी बात छोड़िए, मुझे पता है कि वे बहुत समय से माइक्रोब्लॉगिंग करते आ रहे हैं। मैं यह भी जानता हूँ कि अब आप क्या सोच रहे हैं। खबरदार जो किसी ने फुरसतिया – लघु संस्करण की बात की तो, यदि पोस्ट छोटी हो जाएगी तो पता कैसे चलेगा कि फुरसतिया प्रकाशन का माल है, अनूप जी की लंबी पोस्ट पढ़ने का अपना अलग मज़ा है!! 😉 आपको कोई हक नहीं है यह सोच प्रसन्न होने का कि फुरसतिया पर अब 140 अक्षरों की पोस्ट छपा करेंगी!! 😈
परन्तु आप सोच में पड़ रहे होंगे कि यह नया शगूफ़ा काहे पालें, नॉर्मल ब्लॉगिंग तो संभल नहीं रही है तो यह एक अलग आफ़त काहे गले बाँधें!! क्यों? भई आप यह नहीं समझ रहे कि इसको भी अपनी ब्लॉगिंग और ब्लॉग में ही समाहित कर सकते हैं आप, कैसे यह आप पर निर्भर है, तरीके तो बहुत हैं और जो पहले से ही प्रयोग में नहीं हो रहे हैं उन तरीकों को आप ईजाद कर लें।
क्या कभी आपके साथ ऐसा नहीं होता कि एक लंबी चौड़ी पोस्ट छापने के मूड में न हों लेकिन फिर भी कुछ विचार मन में कुलबुला रहा हो, कुछ छापने का कीड़ा काट रहा हो? मैं जानता हूँ कि मैं अकेला ऐसा नहीं हूँ, दुनिया के इतने भी अच्छे दिन नहीं आए!! 😉 तो ऐसे समय में पूरी महाभारत छापने से अच्छा यह होता है कि आप एकाध पंक्तियाँ छाप के छपास पीड़ा से मुक्ति पाएँ और फिर बाकी आवश्यक कार्यों में लगें, आखिर ब्लॉगिंग के आगे भी जहान है!! 😉
अभी बीते मई में उत्तर भारत का पहला ब्लॉगकैम्प दिल्ली में हुआ था। इस कैम्प में साथी ब्लॉगर अभिषेक बक्शी ने एक सत्र लिया था जिसका शीर्षक था – Micro-blogging – Life, and everything else… in 140 characters – जिसका स्लाईडशो (Slideshow) निम्न है:
यह स्लाईडशो अंग्रेज़ी में है और हो सकता है कि इससे सब कुछ समझ न आए, परन्तु एक अंदाज़ा मात्र तो हो ही जाएगा। अभिषेक के सत्र का असल जादू उनके समझाने में था न कि स्लाईडशो में!!
कल ज्ञान जी बोले कि भई ट्विट्टर और एक लाईना पोस्ट पल्ले नहीं पड़ती हैं, क्या गोरखधंधा है!! तो मैंने सोचा कि एक पोस्ट और ठेल दी जाए इस विषय में तो किसी का कुछ घटेगा नहीं, वृद्धि ही होगी। 😉
तो साहबान, यह माइक्रोब्लॉगिंग कोई नई चीज़ नहीं है जैसा कि लोग समझने की भूल कर देते हैं, यह कई वर्षों से विद्यमान है; हाँ इसको यह नाम माइक्रोब्लॉगिंग का अभी हाल ही में मिला है और पिछले एक वर्ष में ही यह परवान चढ़ी है। परन्तु यह कई वर्षों से मौजूद है और लोग इनको प्रयोग करते आ रहे हैं, फर्क इतना है कि मैं और बहुत से आदिम काल के ब्लॉगर इनको असाईड्स (Asides) के नाम से जानते आए हैं जहाँ यह सामान्य ब्लॉग पर ही छाप दी जाती थी आम बड़े साइज़ की पोस्ट के बीच में अथवा ब्लॉग के दाएँ-बाएँ लगी पट्टी में। वर्डप्रैस वाले मैट (Matt) ने इसको वर्डप्रैस ब्लॉग में लगाने का नुस्खा चार वर्ष पहले छापा था। सिक्स अपार्ट (Six Apart) के अनिल भी काफी समय से असाईड्स छापते आ रहे हैं, आजकल वे ट्विट्टर पर स्थानांतरित हो गए हैं।
आजकल माइक्रोब्लॉगिंग के लिए अलग से प्लैटफॉर्म है, अलग सेवाएँ हैं। कौन सी? निम्न कुछ सेवाएँ जो मुझे पता हैं:
इनके अतिरिक्त भी अन्य सेवाएँ हो सकती हैं, मुझे तो इन्हीं के बारे में पता है। हर किसी की अपनी खूबियाँ हैं और खामियाँ हैं, मैं उस सब में नहीं जा रहा। मैं स्वयं ट्विट्टर का प्रयोग करता हूँ, आप किस सेवा का प्रयोग करते हैं और आपको कौन सी सेवा आकर्षित करती है यह पूरी तरह आप पर निर्भर है। इंटरनेट पर थोड़ा खोजेंगे तो इनके कंपेरिज़न चार्ट (Comparison Chart), समीक्षाएँ (Reviews) आदि सब मिल जाएगा।
यदि आप इनमें से किसी सेवा का प्रयोग नहीं करना चाहते हैं अथवा सोच रहे हैं कि क्यों एक और वेबसेवा को गले बाँधा जाए तो आप अपने मौजूदा ब्लॉग पर ही चालू हो सकते हैं, क्या फर्क पड़ता है, मसला तो चार पंक्तियाँ छापने से ही है!! 🙂 यदि आप वर्डप्रैस का प्रयोग करते हैं तो इसके लिए वर्डप्रैस वाली कंपनी ऑटोमैट्टिक (Automattic) ने प्रोलोग (Prologue) नामक एक थीम (theme) भी निकाली हुई है जिसको प्रयोग कर आप स्वयं अपना माइक्रोब्लॉग चला सकते हैं यदि आप अलग से ऐसा कुछ करने के इच्छुक हैं और अपने मौजूदा ब्लॉग में माइक्रोब्लॉगिंग को समाहित नहीं करना चाहते हैं। आप यह थीम मुफ़्त में डाउनलोड कर अपने सर्वर पर वर्डप्रैस इंस्टॉल कर लगा सकते हैं या फिर आप मुफ़्ती सेवा वर्डप्रैस.कॉम पर नया ब्लॉग बना उसमें इस थीम को लगा के भी काम चला सकते हैं।
माइक्रोब्लॉगिंग का एक लाभ यह है कि चूंकि यह लघु पोस्ट होती है अमूमन तीन-चार पंक्तियों या उससे कम की, तो इसको आप कई माध्यमों से कर सकते हैं। जैसे मैं ट्विट्टर प्रयोग करता हूँ तो उस पर मोबाइल द्वारा पोस्ट करने के लिए मैंने ट्वोबाइल (Twobile) नामक फोकट का सॉफ़्टवेयर अपने मोबाइल फोन में इंस्टॉल किया हुआ है। इससे पहले मैं सिम्बिअन वाले फोन पर विडसैट्स (Widsets) में उपलब्ध एक विजेट द्वारा और बाद में ट्विटताए (Twittai) द्वारा ट्विट्टर पर छपाई करता रहा हूँ। विडसैट्स और ट्विटताए, दोनों ही जावा आधारित फोकटी सॉफ़्टवेयर हैं और भिन्न मोबाइल फोन पर इंस्टॉल हो सकते हैं। ट्वोबाइल सिर्फ़ विन्डोज़ मोबाइल पर चलने वाला फोकटी सॉफ़्टवेयर है। यदि आप कोई सॉफ़्टवेयर इंस्टॉल नहीं करना चाहते या नहीं कर सकते तो आप ट्विट्टर की मोबाइल वेबसाइट पर सीधे लॉगिन करके भी छाप सकते हैं। यही नहीं, ट्विट्टर लघु संदेश (SMS) भेज के छापने की भी सुविधा देता है, परन्तु उनके भारतीय नंबर में कुछ लफड़ा था हाल ही में और ग्लोबल नंबर उनका लंदन का है जहाँ एक लघु संदेश भेजने के तीन-चार रुपए प्रति संदेश लग सकते हैं। ट्विट्टर ही की भांति अन्य सेवाएँ भी मोबाइल आदि द्वारा पोस्ट करने की सुविधा प्रदान कराती होंगी, मुझे उनके बारे में पक्की जानकारी नहीं है।
ट्विट्टर पर एक कमी मुझे यह खली थी कि यदि ब्लॉगनुमा कुछ छापा है तो उस पर वहीं टिप्पणियाँ पाने की व्यवस्था नहीं है, कदाचित् क्योंकि ट्विट्टर की शुरुआत कुछ अलग मकसद के तहत हुई थी, दुनिया को बताने के लिए कि आप फलाने वक्त क्या कर रहे हैं, न कि माइक्रोब्लॉगिंग में घसीटे जाने के लिए। वैसे वेबसेवा वाले किसी भी सेवा का आरंभ तो कुछ और सोच के करते हैं परन्तु अंतपंत उसका प्रयोग कई प्रकार से होता है, कुछ ऐसे भी प्रकार जिनका निर्माताओं ने सोचा भी न था। 😀 आजकल बहुत से लोग ट्विट्टर का प्रयोग पब्लिक चैटरूम (public chatroom) की भांति करते हैं। यदि आप कभी याहू आदि के पब्लिक चैटरूम्स में गए हैं तो आपको ट्विट्टर का माहौल हो सकता है पराया न लगे। 😉 तो जैसा कि मैंने कहा, ट्विट्टर पर पोस्ट छापने के बाद उसी के नीचे टिप्पणियाँ करने की व्यवस्था नहीं है, हालांकि आप अपने ट्विट्टर खाते से किसी अन्य की ट्विट्टर पोस्ट का उत्तर दे सकते हैं। जाएकू, जिसे कि कुछ समय पहले गूगल ने खरीद लिया था, पर यह टिप्पणियों की सुविधा शुरु से ही है लेकिन जब तक मेरा उस तक पहुँचना हुआ उस पर नए खातों का कार्य स्थगित हो चुका था। अभी हाल ही में नए खाते फिर से खुलने आरंभ हुए हैं लेकिन अभी भी आप आमंत्रित किए जाने पर ही वहाँ खाता खोल सकते हैं। तो मैंने सोचा कि अपना कार्य स्वयं कर सकने की क्षमता होने के बाद भी इन नामुराद सेवाओं का मुँह क्यों तका जाए, तो मैंने अपने हिन्दी ट्विट्टर पर छपी पोस्ट अपने इस ब्लॉग में छापने का जुगाड़ लगाया और अब हिन्दी वाले ट्विट्टर पर कुछ छापते ही वह माल तुरंत यहाँ इस ब्लॉग पर स्वतः ही छप जाता है। उसके लिए क्या प्रक्रिया अपनाई यह एक अलग लेख में बताऊँगा।
चूंकि मैं ट्विट्टर का ही प्रयोग करता हूँ तो उसी के बारे में बता सकता हूँ। ट्विट्टर पर ब्राऊज़र में उसकी वेबसाइट खोल के ही नहीं बल्कि कई अन्य तरीकों से भी पोस्ट किया जा सकता है। इसके लिए डेस्कटॉप सॉफ़्टवेयर भी उपलब्ध हैं जिनमें से एक है ट्वहिर्ल जिसे मैं भी प्रयोग करता हूँ। ट्विट्टर के लिए कई तरह के टूल आदि हैं जिनके बारे में आप यहाँ और यहाँ जान सकते हैं। इन टूल्स में कई मोबाइल फोन के लिए भी हैं; किसी भी टूल को डाउनलोड करने से पहले उसके बारे में अवश्य पढ़ लें कि वह किस प्लैटफॉर्म के लिए है और करता क्या है। इंटरनेट पर थोड़ा खोजेंगे तो अन्य सेवाओं के लिए भी टूल मिल जाएँगे लेकिन आज की तारीख में ट्विट्टर सबसे बड़ी माइक्रोब्लॉगिंग सेवा है।
कुछ साथी हिन्दी ब्लॉगर भी ट्विट्टर पर डेरा डाले हुए हैं – जगदीश जी, मिश्रा जी, विपुल जी, जीतू भाई, रवि जी, पंकज बाबू, संजय भाई, देबू दा, आलोक भाई, मसिजीवी – इतनों के बारे में ही पता है। परन्तु ये सभी लोग वहाँ सुस्त पड़े हैं, मौसमी छपाई करते हैं परन्तु वह भी कुछ ही करते हैं जैसे कि मिश्रा जी, विपुल जी, देबू दा और आलोक भाई, बाकी सब तो मौसमी छपाई भी नहीं करते!! करो भाई लोगों, कुछ तो छपाई करो!! 🙂 :tup:
आशा है कि अब आपको माइक्रोब्लॉगिंग के बारे में थोड़ी उत्सुक्ता जागी होगी (यदि पहले से ही नहीं थी), थोड़ा ज्ञानार्जन किया होगा (यदि पहले से नहीं था) और इस विधा में भी अपने हाथ आज़माने के लिए लालयित होंगे (यदि ऑलरेडी नहीं आज़मा रहे हैं)। यदि ट्विट्टर के बारे में और पढ़ना चाहते हैं तो जीतू भाई इस पर एक पोस्ट ठेल चुके हैं और रवि जी भी छाप चुके हैं, अवश्य पढ़िएगा। जीतू भाई ने तो बकायदा कई प्रयोग बताएँ हैं ट्विट्टर के जिसमें इस सेवा को लगाया जा सकता है। वे प्रयोग अन्य सेवाओं को इस्तेमाल करके भी किए जा सकते हैं इसलिए इसको सिर्फ़ ट्विट्टर का ही अधिपत्य न समझें। :tup:
तो बताईये, कब आरंभ कर रहे हैं आप माइक्रोब्लॉगिंग? 😎
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