कोई सवा दो वर्ष पहले, अक्तूबर 2005 में, मैंने वर्डप्रैस.कॉम पर अपना ब्लॉग उस समय रजिस्टर किया था जब वह बाज़ार में आई नई सेवा थी और उस समय की अन्य नई सेवाओं की भांति बिना न्योते के उस पर भी खाता नहीं बनाया जा सकता था। तब मैंने भी अपना ईमेल पता वहाँ कतार में लगाया था और कुछ समय बाद मुझे वह गोल्डन टिकिट मिला था जिससे मैंने वहाँ वह ब्लॉग बनाया था। उस समय इरादा तो उस पर कुछ करने का नहीं था सिवाय कुछ टैस्टिंग आदि करने के कि देखें वह क्या बला है और कितना अच्छा है। लेकिन फिर देवेन्द्र पारिख के हिन्दी राइटर का पता चला तो मैंने सोचा कि चलो एक ब्लॉग हिन्दी में बना लें, हिन्दी लिखने का अभ्यास जो दसवीं कक्षा के बाद छूट गया था वह वापस आ जाएगा, और यह सोच मैंने एक माह बाद अपना वह प्रथम हिन्दी ब्लॉग आरंभ किया था।
पता ही नहीं चला कैसे ये सवा दो साल बीत गए और मैं वहाँ पर लिखता रहा, हिन्दी ब्लॉगरों की बिरादरी का हिस्सा बना, साथी ब्लॉगरों का स्नेह भी मिला और गालियाँ भी मिली। 🙂
उस ब्लॉग पर 208 पोस्ट लिखीं जिन पर अभी तक 1750 से अधिक टिप्पणियाँ आ चुकी हैं। अब काफ़ी सोच विचार के बाद निर्णय लिया है कि वह दुकान बढ़ा दी जाए। जितना चला उतना अच्छा था, उसमें मज़ा आया, विचार तो मैं काफ़ी समय से कर रहा था पर आज मन बना ही लिया है। पर मैं ब्लॉगिंग नहीं छोड़ रहा ना ही लोगों को अपनी नज़र से दुनिया दिखाने का ख्याल तजा है!! बस यह निर्णय लिया है कि उस ब्लॉग को वर्डप्रैस.कॉम के फोकटी ठिकाने से आखिरकार अपने डोमेन पर स्थानांतरित कर दिया जाए और यह है उस ब्लॉग का नया ठिकाना। 🙂
तो अब से मेरी नज़र से दुनिया देखिए इस नए नवेले नए रुप में उभरे ब्लॉग पर। जिन लोगों ने इस ब्लॉग की फीडबर्नर वाली फीड को सब्सक्राइब किया हुआ है या ईमेल द्वारा सब्सक्रिप्शन लिया हुआ है उनको इस बदलाव से कोई फर्क नहीं पड़ेगा, बाकी सभी से गुज़ारिश है कि अपने-२ बुकमार्क आदि अपडेट कर लें और इस नए अड्डे पर आवाजाही बनाए रखें। 🙂
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