बंगलूरू में रवि रतलामी जी से हुई मुलाकात माइक्रोसॉफ़्ट की सॉफ़्टवेयर लोकलाइज़ेशन संबन्धित एक कॉन्फरेन्स के दौरान। बीयर वाली हवाई सेवा का अनुभव लगभग अच्छा रहा, वापसी की उड़ान में एक एयर होस्टेस ने मेरी सुईड जैकेट पर कॉफी गिरा दी। कोई और होता तो उसकी ऐसी की तैसी कर देता पर यहाँ भूल समझ मामला छोड़ दिया, जैकेट ड्राईक्लीन होने ही देनी है। 😉 तीन घंटे बैठ आराम से रवि जी से बातें की गई, शुएब बाबू को मिलने को कहा लेकिन संपर्क देरी से होने के कारण उनके आने का समय नहीं था, तो मुलाकात अगली बार के लिए टल गई।
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ये सही रहा-कान्फ्रेन्स भी अटेंड हो गई और रवि बाबू से मुलाकात भी.
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होस्टेस को माफी के बदले एक्ट्रा बियर मिली कि नहीं? 😛
रविजी से गपशप हो गई….और कॉंफ़्रेंस में क्या चला इस पर भी एक ठेल दो…. -
सारी उडाने डिमेस्टिक छाप होनी चाहियें। 😀
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शुक्र है आप पर सिर्फ काफ़ी गिरी, मुझे तो एक लड़की ने सीधा थप्पड़ ही रसीद करदिया और मैं कुछ ना करसका 😛 (http://www.shuaib.in/chittha/archives/160)
आशा करता हूं ज्लद ही माइक्रोसॉफ़्ट की कॉंफ़्रेंस के बारे आपके चिट्ठे पर पढ़ना नसीब होगा।
अगली मुलाकात ज़रूर होगी। -
मुलाकात अच्छी रही होगी। उसे रवि जी के भेजे वीडियो पर सुन रहा हूं।
हवाई यात्रा भी मज़ेदार रही… 😉
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