परसों आईपीएल (IPL) का दूसरा संस्करण दक्षिण अफ्रीका में शुरु हुआ, पहला मैच था मुम्बई इंडियंस (Mumbai Indians) और चेन्नई सुपर किंग्स (Chennai Super Kings) के बीच। लेकिन मैच के बीच में रोचक वाकया यह हुआ कि मुम्बई इंडियंस की बल्लेबाज़ी चल रही थी और इसी बीच एक काला कुकुर (आम भाषा में बोले तो… कुत्ता) मैदान में भागता हुआ आ गया। अब चूंकि कुकुर के गले में लाल पट्टा बंधा था इसलिए वह आवारा तो नहीं था, ज़ाहिर सी बात है कि किसी का पालतू था, लेकिन उसकी मालकिन कहीं नज़र नहीं आई।

अब कुकुर आ गया सो आ गया, ई मा कौन सी बड़ी बात है। बड़ी बात अपने को यह लगी कि उस कुकुर के कारण दस बारह मिनट खेल रूका रहा, पहले पाँच मिनट तो किसी को समझ न आ रहा था कि किया क्या जाए। इस मामले में अपना इंडिया बढ़िया है, यदि कोई कुकुर मैदान में आ जाता है तो उसके पीछे दो हवलदार भी दौड़ते हुए आ जाते हैं और डंडा वगैरह देकर पाँच मिनट में कुकुर को मैदान से बाहर कर देते हैं और खेल पुनः आरंभ हो जाता है। लेकिन दक्षिण अफ्रीका में मैदान पर लगता है पुलिसिए या सिक्योरिटी वाले होते नहीं और होते हैं तो उनको सिचुएशन हैन्डल करना नहीं आता। कुकुर मैदान पर इधर उधर टहलता रहा लेकिन किसी को समझ न आ रहा था कि क्या किया जाए। इसी बीच सुपर किंग्स के कप्तान धोनी ने कुकुर को गेंद दिखाई कि कदाचित्‌ गेंद लपकने के लिए कुकुर मैदान से बाहर चला जाए लेकिन कुकुर को गेंद में कोई रूचि नहीं थी!! 😉

आखिरकार एक स्पेशलिस्ट मोहतरमा आईं और कुकुर को बिस्कुट खिलाए गए और यह रिश्वत लेने के बाद ही कुकुर महाराज टले और खेल आरंभ हुआ!! लो कल्लो बात, इनएफिशियेन्सी (Inefficiency) की भी कोई हद होती है, जो काम यहाँ एक डंडे में हो जाता वो काम करने के लिए वहाँ कितने झंझट!! भारतीय क्रिकेट बोर्ड को चाहिए कि दक्षिण अफ्रीका के मैदान कर्मचारियों के लिए सेमिनार आदि करवाए जिसमें ट्रेनिंग दी जाए कि मैदान में यदि कुकुर अथवा कोई और अवांछनीय जीव आ जाए तो उसको कैसे बाहर कर सिचुएशन को कम समय में एफिशियेन्टली (Efficiently) और किफ़ायती रूप से कंट्रोल में लाया जाए। 😀

साथ ही यदि कुकुर की मालकिन मिले तो बोर्ड को चाहिए कि उस पर मुकदमा ठोके। अब बताओ यह कहाँ कि रीत हुई कि मैच दिखाने कुकुर को साथ ले आए और फिर उसके बाद उसको पागल सांड की भांति छुट्टा छोड़ दिया इधर-उधर भटकने के लिए!!

 
इधर कुछ पुरानी पोस्ट देख रहा था तो पिछली यात्राओं के ट्रेवलॉग दिखे, यादें ताज़ा हो गई। तो ऐसी एक यात्रा का ट्रेवलॉग आप भी देखें।

  1. मुक्तेश्वर – भाग १
  2. मुक्तेश्वर – भाग २
  3. मुक्तेश्वर – भाग ३
  4. मुक्तेश्वर – भाग ४

 
 
कुकुर का मूल चित्र साभार: जूलियन