पाकिस्तानी हॉकी टीम के कोच शाहिद अली खान साहब चिंतित हैं कि नई दिल्ली में हो रहे हॉकी विश्वकप में उनकी टीम को संतोषजनक सुरक्षा नहीं दी जा रही है (यहाँ पढ़िए)। मन में ऐसा आता है कि पूछें कि जनाब आपको सुरक्षा की काहे आवश्यकता, अब अल-कायदा या आपके कोई अन्य बंधु बम वगैरह फोड़ेंगे तो आपको तो पहले से इत्तला कर देंगे, आपको थोड़े ही न टेन्शन लेने की आवश्यकता है!! 🙄

फिर मन में आता है कि नहीं ऐसा सोचना उचित नहीं होगा, अब सभी पाकिस्तानी थोड़े ही आतंकवादी हैं, उधर भी बम वगैरह फटते हैं, आतंकवादी पुलिस चौकियों आदि पर कब्ज़ा कर लेते हैं, तो ऐसा कहना तो ज़्यादती होगी। फिर मन में ख्याल आता है कि पूछ लें कि जनाब क्या आपको वैसी सुरक्षा दी जाए जैसी बेचारी श्रीलंका की क्रिकेट टीम को दी गई थी, क्या वह आपके हिसाब से माकूल रहेगी?! 🙄 ऐसा क्यों? इसलिए क्योंकि खान साहेब तुलना कर रहे थे कि जैसी सुरक्षा उनको दी जा रही है वैसी टंटपुंजियों वाली सुरक्षा तो पाकिस्तान में भी देते हैं। मेरे ख्याल से खान साहेब सुरक्षा या अन्य किसी विषय पर अहमकाना टिप्पणी करने के स्थान पर अपनी टीम और उसके खेल पर ध्यान दें तो बेहतर होगा, देखा नहीं भारतीय टीम ने कैसे पहले मैच में कल उनको धोया, ऐसे तो धोबी भी कपड़े नहीं धोता!! 😀

 
 
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