कुछेक लोगों ने मुझसे पूछा कि छुट्टियाँ मनाने जब जाते हैं तो डिजिटल कैमरा आदि साथ होता है, कई बार हुआ कि कार्ड भर गया या खराब हो गया, ऐसे में मूड बिगड़ जाता है। यदि घूमने-फ़िरने के दौरान ही कार्ड आदि खराब हो जाए तो मन खराब होता है छुट्टी का मज़ा बिगड़ता दिखता है लेकिन जल्दी ही सामान्य हो जाता है। परन्तु यदि छुट्टियों से वापस आकर पता चलता है कि कार्ड खराब हो गया है तो बहुत कोफ़्त होती है क्योंकि छुट्टी की यादें, बढ़िया सुहानी जगह आदि की जो तस्वीरें कैमरे में कैद की होती हैं वो वापस नहीं आ सकती। अब आखिर दोबारा उसी जगह पर मात्र री-टेक करने के लिए थोड़े ही जाएँगे!! 😉 तो ऐसे में क्या किया जाए, किस तरह सावधानी आदि बरती जाए कि यह सब होने की संभावना न के बराबर हो जाए?

मेमोरी कार्ड

सबसे अहम है कैमरे में डलने वाला मेमोरी कार्ड। यह हमेशा अच्छी क्वालिटी वाला लें। इस मामले में निजी तौर पर मुझे सैनडिस्क (Sandisk) के उत्पाद पसंद हैं। फ़्लैश स्टोरेज में सैनडिस्क से बेहतर सामान बाज़ार में किसी का नहीं है। इसका माल हो सकता है आपको अन्य कंपनियों के माल से थोड़ा महंगा लगे लेकिन जब बाकी सब फ़ेल हो जाएँगे यह तब भी चलेगा, ऐसी इसकी गुणवत्ता होती है। मैंने किंग्स्टन (Kingston), ट्रांस्सेण्ड (Transcend), मोज़रबेयर (Moserbaer) आदि सभी प्रयोग करके देखे हैं लेकिन सैनडिस्क वाली बात किसी में नहीं पाई। इसकी फ़्लैश मेमोरी की सिर्फ़ गुणवत्ता ही भरोसेमन्द नहीं होती वरन्‌ रीड/राइट की गति भी अन्य निर्माताओं की फ़्लैश स्टोरेज से अधिक ही होती है। यानि गुणवत्ता और गति दोनों में सबसे बढ़िया।

अच्छी क्वालिटी तो ठीक लेकिन कार्ड कितनी मेमोरी का लें? आजकल मेमोरी कार्ड काफ़ी सस्ते हो गए हैं, पहले जितने महंगे नहीं रहे। मेरे पास जो सैनडिस्क एक्सट्रीम 4GB का कार्ड है वह मैंने 2008 में अमरीका से एक मित्र द्वारा मंगवाया था तो बाईस सौ रूपए का पड़ा था लेकिन आज वही कार्ड यहाँ भारत में कोई साढ़े पाँच सौ रूपए का उपलब्ध है। 🙂 इस बारे में एक बात का खास ख्याल रखें, मेमोरी कार्ड आदि किसी अच्छी या विश्वसनीय दुकान से ही लें क्योंकि इनकी नकल धड़ल्ले से बाज़ार में बिकती हैं जो कि आपको सस्ते में दो कौड़ी का माल बेच देंगे जो चार दिन नहीं चलेगा। मैं प्रायः सामान ऑनलाईन खरीदता हूँ तो भारत में फ़्लिपकार्ट भरोसेमंद ऑनलाईन दुकान है, यदि अमरीका से किसी मित्र के हाथ सामान मंगवाना है तो इस मामले में ऐमैज़ॉन या फिर बी एण्ड एच फोटो-वीडियो भरोसे की ऑनलाईन दुकानें हैं। :tup:

मेमोरी कार्ड की अलग-२ क्लास होती हैं – क्लास 2, क्लास 4, क्लास 6 और क्लास 10। क्लास जितनी अधिक होगी कार्ड की गति भी उतनी अधिक होगी और कीमत भी उस हिसाब से बढ़ जाएगी। प्रत्येक क्लास की न्यूनतम गति है, यानि कि यदि कोई कार्ड अपने को क्लास 6 बताता है तो उस कार्ड की लिखने की न्यूनतम गति 6 मेगाबाइट प्रति सेकण्ड होना अनिवार्य है। अधिकतम गति कितनी होती है इसकी सीमा नहीं है। अब सैनडिस्क का अल्ट्रा सीरीज़ का कार्ड क्लास 6 का होता है लेकिन उसकी गति ट्रांस्सेण्ड के क्लास 10 वाले कार्ड से अधिक होती है! 😉 मेमोरी कार्ड और उनकी गति आदि के विषय में फिर कभी चर्चा करेंगे।

तो यदि रिकमेण्डेशन चाहते हैं तो मैं यही सुझाव दूँगा कि आम प्रयोक्ता (साधारण डिजिटल कैमरा वाले गुणीजन) सैनडिस्क अल्ट्रा सीरीज़ के 4GB वाले दो कार्ड अपने पास रखें। कुल छह – सात सौ रूपए में दो आ जाएँगे, लेने को 8GB का एक भी ले सकते हैं जो कोई साढ़े पाँच सौ का आएगा लेकिन दो कार्ड लेने के पीछे वजह है। दो कार्ड मैं इसलिए कह रहा हूँ कि यदि आपका एक कार्ड खो जाता है या फिर खराब हो जाता है तो उतनी दिक्कत नहीं होगी क्योंकि एक कार्ड आपके पास फिर भी रहेगा, बैकअप के तौर पर। 4GB काफ़ी होता है, यदि आप सिर्फ़ JPG में ही फोटो लेते हैं तो बारह मेगापिक्सल वाली तकरीबन आठ सौ फोटो 4GB के एक कार्ड में आ जाएँगी। दूसरा लाभ यह रहता है कि यदि आपके किसी साथी का कार्ड भर जाता है या खो जाता है तो आपका बैकअप उनके काम आ सकता है। अभी कुछ सप्ताह पूर्व एक सप्ताहांत पर मैं पुष्कर गया था तो वहाँ मेरे मित्र के साथ कुछ ऐसा ही हुआ, वह अति-उत्साहित हो बेध्यानी में रॉ फॉर्मेट में दनादन फोटो लिए जा रहा था और जल्दी ही उसका 8GB का कार्ड भर गया। तो उस समय फिर मेरा बैकअप कार्ड उसके काम आया वरना उसको अपने कार्ड से कुछ फोटो मिटाने पड़ते।

फ़्लैश ड्राईव

यदि आप लम्बी यात्रा पर हैं, मसलन यदि आप चार-पाँच दिन से अधिक की यात्रा पर हैं और आपके पास एक-दो कार्ड ही हैं तो एक कार्ड रीडर (मेमोरी कार्ड का सामान कंप्यूटर में डालने के लिए) और एक फ़्लैश ड्राईव भी अपने साथ रखें। यदि आपके साथ लैपटॉप है और उसमें कार्ड रीडर है तो आपको अलग से रखने की आवश्यकता नहीं है, फ़्लैश ड्राइव की भी आवश्यकता नहीं होगी। यह किसलिए? आजकल प्रायः इंटरनेट कैफ़े हर जगह मिल ही जाते हैं। तो यदि आपको दिख रहा है कि आपके कार्ड भर रहे हैं और शीघ्र ही उनमें जगह बाकी न रहेगी तो इंटरनेट कैफ़े में जाकर अपने कार्ड से फोटो अपनी फ़्लैश ड्राईव में स्थानांतरित कर लें और उसके बाद अपने कार्ड से सभी फोटो मिटा दें। यदि आपके पास लैपटॉप है तो आप सभी फोटो उसमें स्थानांतरित कर सकते हैं।

अपने मेमोरी कार्ड की दीर्घ-आयु के लिए निम्न बातों का ध्यान रखें:

  1. अपने मेमोरी कार्ड को सूखा और साफ़ रखें, तोड़ें-मरोड़ें नहीं, ये खेलने की वस्तुएँ नहीं होती।
  2. नया कार्ड कैमरा में लगाने के बाद उसको उसी कैमरा में फॉर्मेट करें। यह काम कंप्यूटर पर करने का कोई लाभ नहीं, कैमरे में ही करें। इसी तरह यदि आपने कार्ड किसी अन्य से लिया है तो भी उसको अपने कैमरे में एक बार फॉर्मेट करें। यह इसलिए क्योंकि प्रत्येक कैमरा एक सा नहीं होता, अलग-२ निर्माता अपने अलग-२ मॉडल में अलग-२ प्रकार का फाइल स्ट्रक्चर आदि रखते हैं, तो कैमरे में फॉर्मेट करने से कार्ड उस कैमरे के हिसाब से सैट हो जाता है।
  3. कार्ड को कभी भी पूरा न भरें। यदि 4GB का कार्ड है तो कोई आवश्यक नहीं कि गांधी जी के चेले बन ज़रा सी जगह को भी प्रयोग करने का प्रयास किया जाए। पूरा भरने से पहले कार्ड का प्रयोग छोड़ दें। यदि पाँच-दस प्रतिशत खाली जगह छोड़ते हैं तो और भी बढ़िया, कार्ड खराब होने की स्थिति में डाटा रिकवरी में यह दानिशमन्दी सहायक सिद्ध होगी।
  4. कार्ड को कंप्यूटर में लगा कर जब फोटो स्थानांतरित कर लें तभी कंप्यूटर पर ही कार्ड का सामान मिटाएँ, कैमरे में न मिटाएँ। इसी तरह फोटो स्थानांतरित करने के लिए कैमरे को कंप्यूटर से न जोड़ें, कार्ड कैमरे से निकाल कंप्यूटर से कार्ड-रीडर द्वारा जोड़ें। इससे आपका सामान जल्दी स्थानांतरित होगा और साथ ही कार्ड की आयु भी कम न होगी।
  5. कार्ड जब भी कंप्यूटर से जोड़ें तो पहले उसको कंप्यूटर से इजेक्ट (eject) करें और उसके बाद ही कार्ड-रीडर से उसको निकालें।
  6. कैमरे से यदि कार्ड निकालना है तो पहले कैमरे को बंद करें और उसके बाद ही कार्ड निकालें। चालू कैमरे से कार्ड कभी न निकालें।
  7. यदि आपका कार्ड खराब हो जाता है, फोटो आदि गलती से डिलीट हो जाती हैं तो कार्ड का प्रयोग एकदम बंद कर दें। यदि आप इसके बाद भी उस कार्ड का प्रयोग जारी रखते हैं तो डाटा रिकवरी की आशा न ही करें क्योंकि बहुतया संभावना रहेगी कि आपके खराब डाटा को नई फोटो आदि ओवरराइट कर देंगी जिससे डाटा रिकवरी में समस्या आएगी या फिर वह नामुमकिन काम हो जाएगा।

मेमोरी कार्ड की भी एक आयु होती है, यदि आप उसका अच्छा ख्याल रखते हैं तो भी मान के चलिए कि छह-सात साल बाद वह कभी भी खराब हो सकता है।

एक अन्य बात जो यहाँ लिखी जा सकती है वह है आपके कैमरे की बैट्री। वैसे तो प्रायः हर जगह आपको कैमरे की बैट्री चार्ज करने के लिए पॉवरप्वायंट मिल ही जाएगा; जहाँ भी मिले कैमरे की बैट्री चार्ज करके रखें। यदि आप ऐसी जगह यात्रा पर हैं जहाँ बिजली आदि मिलने की संभावना कम है तो ऐसी स्थिति में या तो अपने साथ कैमरे की कम से कम एक अतिरिक्त बैट्री पूर्ण चार्ज अवस्था में साथ रखें या फिर एक पोर्टेबल चार्जर में निवेश करें जो कि अपनी बैट्री के साथ आता है और आपके कैमरे के साथ आपके मोबाइल फोन आदि को भी चार्ज कर सकता है।

 
यदि आपके पास अपने कोई टिप्स आदि हों तो अवश्य बाँटें। :tup: