गतांक से आगे …..
सांय 5 बजे के करीब मेरे मोबाईल का अलार्म बज उठा और मैंने उठ के देखा कि मैं लगभग पाँच घंटे सोया हूँ, इसलिए काफ़ी हद तक तरोताज़ा महसूस कर रहा था। बाकि लोग पहले ही उठ गए थे। तत्पश्चात नीचे गंगा स्नान के लिए जाने का निर्णय हुआ। अब डुबकी लगाने के लिए मैं तैराकी के वस्त्र आदि तो लाया न था, इसलिए जो कपड़े रात को पहने सफ़र किया था, वो ही पहन लिए। जो लोअर पहन रखा था, घुटनों से उसकी ज़िप खोल दो तो वह बरमुडा बन जाता था, ठीक आशीष भाई की पैन्ट की तरह!! 😉 तो बस टखने से निचले हिस्से को अलग किया और चल दिए नीचे गंगा स्नान के लिए।