ट्रेन स्टेशन से निकल चुकी है, आशीष की मेहरबानी से मेरा ट्रॉयपॉड उसकी गाड़ी में ही रह गया!!
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थोडा विस्तार से कहो मित्र
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आजकल बहुत शर्मीले हो गये हो, ज्यादा बात नहीं करते.
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bas!!..itna hi ..aage??
On 08, Oct 2008 | 4 Comments | In कतरन | By amit
ट्रेन स्टेशन से निकल चुकी है, आशीष की मेहरबानी से मेरा ट्रॉयपॉड उसकी गाड़ी में ही रह गया!!
थोडा विस्तार से कहो मित्र
आजकल बहुत शर्मीले हो गये हो, ज्यादा बात नहीं करते.
bas!!..itna hi ..aage??
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