सैर सपाटा खत्म हुआ; वापसी के लिए ट्रेन अब स्टेशन से चल पड़ी है, रात तक दिल्ली पहुँचा देगी; वातानुकूलित कुर्सी-कार में मेरा पहला अनुभव!! 🙂
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बहुत जमा डियर। लगभग ८ महीने पहले तक मैं दिल्ली-खजुराहो-वाराणसी सर्किट में साप्ताहिक टूरिस्ट ट्रेन सेवा के नियोजन का यत्न कर रहा था। उस समय आपके जैसा कोई मिलता तो बढ़िया इनपुट मिलता।
अब तो मेरा वह पोर्टफोलियो रहा नहीं। फिर भी अगर आपके पास कुछ विचार हों तो हम इस्तेमाल कर सकते हैं।
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