कल आईस एज 3 (Ice Age 3) अर्थात् “आईस एज: डाएनासोरों का उदय” (Ice Age: Dawn of the Dinosaurs) देखी। इस फिल्म की प्रतीक्षा तो थी लेकिन मन में एक शंका यह भी थी कि कहीं यह दूसरे भाग, यानि कि आईस एज 2 (Ice Age 2), की भांति बेकार न साबित हो क्योंकि दूसरे भाग ने निराश किया था। अधिकतर यही देखा है कि फिल्म के सीक्वेल (sequel) प्रायः बढ़िया नहीं होते, पहली फिल्म की लोकप्रियता का अधिक लाभ उठाने के लिए जबरन बनाए गए होते हैं। लेकिन इस फिल्म ने सारी शंकाओं पर पानी फेर दिया, फिल्म मस्त और चकाचक है। काफ़ी समय बाद ऐसी फिल्म देखी जिसे देख लगा कि टिकट पर खर्च किए गए सवा दो सौ रूपए पूरी तरह वसूल हुए। :tup:
एडल्ट्री पर लिंग बॉयस .....
On 04, Jul 2009 | 15 Comments | In Mindless Rants, फ़ालतू बड़बड़ | By amit
अस्वीकरण (disclaimer): इस ब्लॉगपोस्ट में मानव शारीरिक संबन्धों आदि के विषय पर विचार आदि प्रस्तुत किए गए हैं जो कि वयस्कों के लिए ही हैं। यदि आप अट्ठारह वर्ष की आयु से कम हैं तो अपने अभिभावक की अनुमति ले लें। इस पोस्ट के लेखक के तौर पर मेरी ज़िम्मेदारी इस चेतावनी को देने के पश्चात समाप्त हो जाती है, मैं मॉरल पुलिस (moral police) नहीं हूँ इसलिए कृपया अपने विवेक का प्रयोग करें।
फ़ोर्सड बॉटलनेक्स.....
On 03, Jul 2009 | 5 Comments | In Mindless Rants, फ़ालतू बड़बड़ | By amit
इधर ज्ञान जी बॉटलनेक्स पर विचार ठेले और प्रबंधकों से सहानुभूति जतलाए कि भई आखिर मानस जात हैं गलती हो ही जावत है, उधर मैं सोच रहा था कि कहीं और की छोड़ सड़क पर देखें तो अधिकतर बॉटलनेक्स मूर्ख लोगों की समझदारी के कारण बनते हैं। ये लोग ऐसे होते हैं कि यदि इनका आईक्यू (IQ) जाँचा जाए तो 70 से नीचे मिलेगा, कोई बड़ी बात नहीं होगी यदि आंकड़ा नेगिटिव में भी चला जाए!!
मूढ़ों की बकर.....
On 15, Jun 2009 | 6 Comments | In Sports, खेल | By amit
विश्व 20-20 मुकाबले में इंगलैंड ने भारत को बाहर का रास्ता दिखाया और इसी के साथ क्रिकेटिया मूढ़ लोगों की बकवास शुरु हो गई….. यानि कि कप्तान धोनी को गालियाँ और हार को धोनी के माथे मढ़ना। रोने वाले रो रहे हैं कि सहवाग को नहीं खिलाया इसलिए हार गए। बेवकूफ़ों को इतनी अक्ल नहीं है कि उसको चोट लगी हुई है इसलिए धोनी ने उसको बाहर बिठाया हुआ है, चोट यदि विकट हो गई तो फिर सहवाग लंबे समय के लिए बाहर हो लेगा। लेकिन मूढ़ लोगों को यह बात समझ नहीं आती, उनकी सुनो तो सहवाग ने अकेले ही मैच जीत लेना था, जैसे सहवाग न हुआ हनुमान का प्रहार हो गया कि जिसको पड़ा उसका बोलोराम हुआ!! सहवाग को लेकर धोनी की जान को रोने वाले कदाचित् पिछले ही महीने समाप्त हुए आईपीएल (IPL) और उसमें सहवाग के जलवों को भूल रहे हैं, कितनी तोप चलाई थी सहवाग ने उसमें कोई बताए ज़रा!! 🙄
एक किलो दिमाग .....
On 10, Jun 2009 | 16 Comments | In Mindless Rants, फ़ालतू बड़बड़ | By amit
….. और अक्ल? कदाचित् इतनी कि उसके होने पर ही संदेह हो!! क्या कभी किसी अन्य व्यक्ति के बारे में ऐसी अनुभूति हुई है? हो सकता है आपको न हुई हो पर मुझे कई बार हुई है। दिल्ली मनुष्यों का एक महासागर है, यहाँ हर आकार, प्रकार और विकार के लोग मिलते हैं।
उँगली की हड्डी उतर गई थी वह अब काफ़ी ठीक हो गई है, तकरीबन सत्तर प्रतिशत उँगली अब मुड़ जाती है, बाकी भी जल्द ही कुछ दिनों में गर्म पानी की सिकाई और दवा युक्त तेल की मसाज तथा उँगली की एक्सरसाइज़ से ठीक हो जाएगी ऐसा डॉक्टर साहब का कहना है। तो बस आज इसी खुशी में नानी जी के घर के बाहर एक महीने से खड़ी अपनी मोटरसाइकल ली और पेट्रोल डलवाने और एक चक्कर लगा आने की गरज से अपन निकले।