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निन्यानवें चीज़ों की हिटलिस्ट .....

कई दिन हुए कोई मीमी नहीं चला यहाँ, न मैंने किसी में भाग लिया। पिछली बार लोगों को टैग थमाया था तो किसी ने भाव न दिया था, सोचा होगा पता नहीं कैसा सिरफिरा है जब देखो जबरन लिखवाने को तैयार रहता है। तो इसलिए इस बार कोई टैग नहीं है (वैसे एकाध मेरे पास पड़ा हुआ है कुछ मास से लेकिन लिखना नहीं हो पाया है, ज़रा टेढ़ा मुद्दा है)।

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हज़ार समझदार देखे, मैककलम भी देखा!! पता नहीं क्या सोचकर गांगुली की जगह उसको कप्तान बनाया। एक तो कोलकाता नाईट राईडर्स टीम वैसे ही माशाल्लाह है जो जीत के निकट पहुँचती नहीं और जो कभी जीत के निकट पहुँच जाए तो कप्तान मैककलम अपने धर्मात्मा होने का परिचय देते हुए विपक्षी टीम को मैच उपहार में दे देते हैं। कुछ दिन पहले सुपर ओवर में मेन्डिस से गेंदबाज़ी करवा के राजस्थान रॉयल्स को मैच उपहार में दे दिया था और अभी रॉयल चैलेन्जर्स बंगलोर की चैम्पियन टीम को मैच क्रिस गेल की मार्फ़त तश्तरी में सजा के दे दिया!! यकीन नहीं आता कि कोई इतना दिलदार भी हो सकता है!! 🙄

और लगता है कोच जॉन ब्यूकैनन अभी ऑस्ट्रेलियाई टीम से हटाए जाने के सदमे से ही नहीं उबरे हैं। वैसे ऐसी चैम्पियन टीम और धर्मात्मा कप्तान के होते कोच क्या कर लेगा यदि वह कुछ करना ही न चाहता हो?!! सारे ऑस्ट्रेलियाई कोच ऐसे घस्सी होते हैं क्या? पहले चैपल और अब ब्यूकैनन!! 🙄 गांगुली बाबू भी सोच रहे होंगे कि न जाने उनकी कुंडली में ऑस्ट्रेलिया दोष कब समाप्त होगा, पहले चैपल राहू बन भिनभिनाया और अब ब्यूकैनन केतु बना है!! 🙄

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हम तो जबरिया डिसकाऊँट लेंगे.....

कुछ लोग सनकी होते हैं, कुछ लोग जड़ बुद्धि होते हैं, कुछ लोग ठरकी होते हैं, वगैरह वगैरह। यानि हर शेप साइज़ आकार प्रकार किस्म के लोग मिलते हैं।

अभी नज़दीकी रिलायंस फ्रेश (Reliance Fresh) में गया जूस पेप्सी आदि का फोर्टनाइटली (fortnight = दो सप्ताह) स्टॉक लेने के लिए, देखा जूस पेप्सी और रेड बुल (Red Bull) पर जो स्कीम चल रही थीं वे खत्म हो गई हैं। तो इसलिए कम सामान लिया, अगली बार ले लिया जाएगा, ज़्यादा लेने पर डिसकाऊँट नहीं तो काहे लें। जब भुगतान कर रहा था तो एक साहब आए और मेरे वाले काऊँटर पर मौजूद मोहतरमा से पूछा कि सेवन-अप (7up) की दो लीटर वाली 2 बोतल लेने पर कोई डिसकाऊँट नहीं है क्या। मोहतरमा ने कहा कि पेप्सी, मिरिन्डा और सेवन-अप में से कोई भी दो बोतल लेने पर बीस रूपए डिसकाऊँट है तो साहब बोले कि वे तो एक सेवन-अप और एक आरसी कोला (RC Cola) लेंगे, उस पर डिसकाऊँट दो। मोहतरमा ने समझाया कि एक ही कंपनी का माल लेने पर डिसकाऊँट है, आरसी कोला अलग कंपनी की है इसलिए उस पर कोई छूट नहीं, साहब समझ गए, और रैक में लगी बोतलें देखने लगे।

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आईपीएल में कुकुर.....

परसों आईपीएल (IPL) का दूसरा संस्करण दक्षिण अफ्रीका में शुरु हुआ, पहला मैच था मुम्बई इंडियंस (Mumbai Indians) और चेन्नई सुपर किंग्स (Chennai Super Kings) के बीच। लेकिन मैच के बीच में रोचक वाकया यह हुआ कि मुम्बई इंडियंस की बल्लेबाज़ी चल रही थी और इसी बीच एक काला कुकुर (आम भाषा में बोले तो… कुत्ता) मैदान में भागता हुआ आ गया। अब चूंकि कुकुर के गले में लाल पट्टा बंधा था इसलिए वह आवारा तो नहीं था, ज़ाहिर सी बात है कि किसी का पालतू था, लेकिन उसकी मालकिन कहीं नज़र नहीं आई।

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On 18, Apr 2009 | No Comments | In कतरन | By amit

मोबाइल से कतरन छापने का प्लगिन ठीक कर लिया है, जुगाड़ वापस ऑनलाइन है, चलते फिरते पुनः कतरन छपा करेगी!!

On 18, Apr 2009 | 6 Comments | In कतरन | By amit

कहावतें कई मायनों में ज़िन्दगी के किसी न किसी मोड़ पर सच निकल आती हैं। जब भी मैं काम में इतना मशगूल हो जाता हूँ कि खाने-पीने की भी सुध नहीं रहती तो माता जी अक्सर कहती हैं – भूखे भजन न होए गोपाला। और अभी कुछ देर पहले यह बात सच साबित हुई। हुआ यूँ कि ऑफिस के एक प्रोजेक्ट में कुछ मामला अटक गया था, तीन-चार घंटे से मामला आगे ही न बढ़ के दे रहा था, अपना रात्रि भोजन होल्ड पर रख मैं मामला निपटाने में लगा हुआ था कि वह निपटे और सप्ताहांत के लिए जान छूटे लेकिन गाड़ी आगे न बढ़ के दे रही थी! आखिरकार भोजन कर लेने की सोची, भूख काफ़ी लग रही थी। भोजन करके वापस लौटा तो दो मिनट में पंगा सामने ही नज़र आ गया (कमबख्त नज़रों के सामने था लेकिन नज़र न आ रहा था पहले) और अगले दो मिनट में निपट भी गया, चला के देखा तो सरपट दौड़ लिया, सो उसको फाइनल कर अपडेट आगे खिसकाया और चैन आ गया!!

वाकई सच है – भूखे भजन न होए गोपाला!! 😀

फुल्ली लीगल हफ़्ता वसूली .....

योरोपियन यूनियन को खर्च आदि के लिए जो सदस्य देशों से पैसा मिलता है लगता है वह उनको पूरा नहीं पड़ता, इसलिए इधर-उधर भी हाथ पाँव मारते रहते हैं!! योरोपियन यूनियन वालों का पसंदीदा बैंक माइक्रोसॉफ़्ट (Microsoft) है। माइक्रोसॉफ़्ट और बैंक? जी हाँ, योरोपियन यूनियन के लिए तो माइक्रोसॉफ़्ट बैंक ही है जिससे वे आए दिन करोड़ों अरबों डॉलर वसूलते रहते हैं। माइक्रोसॉफ़्ट के संस्थापक और पूर्व चेयरमैन बिल गेट्स (Bill Gates) की उदारता तो जग ज़ाहिर है, वे दुनिया के सबसे बड़े दानवीरों में से एक हैं, महाभारत काल के महाबली कर्ण से प्रभावित लगते हैं। 🙂 उनकी यही दानवीरता माइक्रोसॉफ़्ट की आत्मा में भी बसी नज़र आती है और इसलिए माइक्रोसॉफ़्ट भी योरोपियन यूनियन जैसों को डॉलर बाँटती रहती है।

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नया आवरण और बेहतर सुपाठ्‍यता.....

पिछले माह जब इस ब्लॉग का साल भर पुराना आवरण बदला था तो रवि जी ने तो कह दिया था कि मसौदा पढ़ने में दिक्कत है क्योंकि गहरे रंग के पृष्ठाधार पर सफ़ेद रंग का पाठ कुछ खास पढ़े जा सकने वाला नहीं लग रहा था, एक तरह से आँखों में चुभ रहा था। कुछ अन्य लोगों ने भी इसकी शिकायत की और यह मामला जँच तो मुझे भी नहीं रहा था लेकिन वह आवरण कुछ आकर्षक सा लग रहा था, इसलिए उसको त्यागने से पहले एक बार उसी में सुधार करने का प्रयत्न किया। 😕 पाठ के रंग को कुछ कम चमकीला कर (सफ़ेद से स्लेटी के कुछ शेड पर जाकर) देखा, पहले के मुकाबले आँखों में चुभन कम थी लेकिन मामला संतोषजनक फिर भी नहीं था। 🙁

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बुडापेस्ट - एक सफ़रनामा - भाग ३

लानती बात है कि पिछला भाग नवंबर 2008 में लिखा था और अब पाँच महीने बाद जाकर यह तीसरी कड़ी लिखने का होश आया है!! खैर देर आए दुरूस्त आए!! 😉

….. पिछले भाग से आगे

रविवार 22 जून को सुबह सवेरे अलॉर्म बजते ही आँख खुल गई, तकरीबन नौ-दस घंटे की नींद ली थी और अपने को बहुत तरोताज़ा महसूस किया, दुर्लभ क्षण लगा क्योंकि आलस्य की मौजूदगी का एहसास नहीं हुआ। 😀 सुबह का नाश्ता हॉस्टल की ओर से फोकटी होता था, बुफ़े (Buffet) टाइप। ब्रेड, कॉर्न फ्लेक्स, दूध, कॉफ़ी इत्यादि रसोई में टेबल पर रखा होता था, जितना मर्ज़ी खाओ पियो और मौज करो। तो नाश्ते के साथ-२ इमेल इत्यादि जाँच ली और बैकअप के लिए फोटो कैमरे के कार्ड से पेन ड्राइव में स्थानांतरित कर ली। हॉस्टल में एक और लाभ यह था कि यदि तीन दिन या अधिक की बुकिंग है तो कपड़ों की धुलाई मुफ़्त थी। लेकिन एक पंगा अभी भी था और वह यह कि पिछले रोज़ बेल्ट नहीं मिली थी और वह अति आवश्यक थी। तो इसलिए सबसे पहले बेल्ट ढूँढ के उसको लेने की सोची।

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