अभी परसों मैं खजुराहो की तस्वीरों के स्लाईडशो के बैकग्राउंड में डालने के लिए फोकटी और कानूनी रुप से वैध संगीत खोज रहा था तो एक वेबसाइट पर पहुँचा जहाँ संगीत का अच्छा खासा भंडार है और सब कुछ डाउनलोड के लिए उपलब्ध। और खास बात यह कि संगीत गैरकानूनी रुप से नहीं वरन् पूर्णतया कानूनी रुप से उपलब्ध है, सारा संगीत किसी क्रिएटिव कॉमन्स लाइसेन्स या उस जैसे अन्य लाइसेन्स के अंतर्गत उपलब्ध है। इस वेबसाइट पर नए और उभरते कलाकारों की कृतियाँ हैं जिन्हें वे सभी को मुफ़्त में उपलब्ध कराते हैं। संगीत आप वेबसाइट पर सुन भी सकते हैं और डाउनलोड भी कर सकते हैं, डाउनलोड कर अपने मित्रों आदि में बाँट भी सकते हैं, बस जिस लाइसेन्स के अंतर्गत संगीत आपको उपलब्ध कराया गया है उस लाइसेन्स का मान आपको रखना होगा। सभी एल्बम एमपी३ (MP3) और ऑगवॉर्बिस (Ogg Vorbis) फॉर्मेट में उपलब्ध हैं, आपको जो चाहिए उस फॉर्मेट में आप डाउनलोड कर सकते हैं, डॉयरेक्ट डाउनलोड भी उपलब्ध है और यदि आप टोरेन्ट द्वारा करना चाहते हैं तो उसके द्वारा भी उपलब्ध है।
देवताओं के ए खामोश नगर .....
On 11, Jun 2008 | 3 Comments | In Memories, Photography, Wanderer, घुमक्कड़, फोटोग्राफ़ी, यादें | By amit
ऐसे ही पिछले वर्ष छुट्टियों पर दिल्ली से बाहर की गई घुम्मकड़ी के दौरान ली गई तस्वीरें देख रहा था कि फरवरी में ली गई खजुराहो की तस्वीरें दिखाई दीं। एकाएक ही मन जैसे उन पूर्व-मध्यकालीन मंदिरों की उड़ान पर चला गया; उस समय हरिप्रसाद चौरसिया जी की बांसुरी के मधुर संगीत की स्वर लहरियाँ कानों से टकरा मानों जन्नत का सा एहसास करा रहीं थी। जब वहाँ पिछले वर्ष गया था तो पश्चिमी मंदिरों के समूह को देखने हम सुबह सवेरे गए थे, उस समय वहाँ अधिक पर्यटक नहीं थे, मंदिर के अंदर बैठने पर मानों ऐसा प्रतीत हो रहा था कि सदियाँ बीत गई हों वहाँ बैठे-२ और पता ही नहीं चला, इतनी शांति थी हर ओर कि मन के सभी शोर जैसे उससे डर कर भाग गए थे!!
ये फिल्म अभी बाकी है .....
On 10, Jun 2008 | 4 Comments | In Cartoon, Here & There, इधर उधर की, कार्टून | By amit
पिछले कुछ समय में याहू सुर्खियों में रहा, कारण उसका खस्तेहाल होना, फिर माइक्रोसॉफ़्ट का उसको खरीदने का प्रस्ताव रखना और उसको याहू द्वारा ठुकरा दिया जाना था। माइक्रोसॉफ़्ट की ओर से होस्टाइल टेकओवर (hostile takeover) की अपेक्षा भी की जा रही थी लेकिन माइक्रोसॉफ़्ट ने ऐसी कोई कोशिश न करी और याहू द्वारा खरीद के प्रस्ताव को ठुकरा दिए जाने के बाद आराम से बैठ गई। लोगों ने सोचा कि मामला समाप्त हो गया, अब याहू वाले या तो वापस डॉलर छापना शुरु करेंगे या किसी और के हाथ बिकेंगे।
तलाश है एक डिज़ाइन की.....
On 06, Jun 2008 | 3 Comments | In Here & There, इधर उधर की | By amit
एक लोगो (Logo) यानि कि प्रतीक चिन्ह सिर्फ़ एक चिन्ह ही नहीं होता, उसमें झलकना चाहिए उस कंपनी/संस्था का प्रतिबिंब, उसकी सोच, उसके विचार। आदर्श और सार्थक प्रतीक चिन्ह वही होते हैं जो अपनी कंपनी/संस्था के पर्यायवाची बन जाएँ, जो लोगों को उस कंपनी/संस्था से जोड़ सकें। वह आकर्षक भी होना चाहिए जो पहली नज़र में ही दर्शक की नज़रों को बाँध दे, वह ऐसा होना चाहिए जिसको कंपनी/संस्था कहीं भी आसानी से प्रयोग कर सके चाहे तो अपनी वेबसाइट पर या बिज़नेस कार्ड पर या अपनी अन्य स्टेशनरी पर या अपने विज्ञापनों में आदि। उसे कंपनी/संस्था की सकारात्मक छवि प्रक्षेपित करना चाहिए, लेकिन सबसे महत्वपूर्ण बात यह कि वह कंपनी/संस्था की छवि हो; गाड़ियों वाली कंपनी का प्रतीक चिन्ह शीतलपेय का गिलास नहीं हो सकता!! 😉
फट्टेहाल निर्माण एण्ड कंपनी.....
On 03, Jun 2008 | 2 Comments | In Cartoon, Mindless Rants, Satire, कार्टून, व्यंग्य, फ़ालतू बड़बड़ | By amit
पिछले कई दिनों से यूपीए सरकार द्वारा टीवी पर ठेले जा रहे फालतू के विज्ञापनों ने टीवी देखना दुश्वार कर रखा था। जैसे ही यह फालतू विज्ञापन शुरु होता, मैच का सारा मज़ा किरकिरा हो जाता, खीज इतनी उठती कि मन करता कि कमबख्त टेलीविज़न को फोड़ डालूँ!! 😡 लेकिन फिर ऊपरी माले में समझ का प्रकाश फैलता कि काहे अपना खुद का नुकसान किया जाए, इस नाकारा अयोग्य सरकार को तो कोई फर्क पड़ेगा नहीं लेकिन नया टेलीविज़न लाने से मेरी जेब खामखा हल्की हो जाएगी!! 🙁
मैं कप्तान बनना चाहता हूँ…..
अभी एकाध दिन पहले आईपीएल के एक मैच के दौरान टीवी पर चैनल पलट रहा था तो किसी समाचार चैनल पर सुना कि युवराज सिंह ने कहा है कि वे भारतीय टीम के कप्तान बनना चाहते हैं, लेकिन उनकी धोनी से कोई प्रतियोगिता नहीं है!! लो कर लो बात, मौजूदा कप्तान कुंबले और धोनी हैं – टैस्ट टीम के कप्तान अनिल कुंबले और एक-दिवसीय तथा ट्वन्टी-२ के कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी!! कैसे युवराज कप्तान बनने की इच्छा ज़ाहिर कर रहे हैं बिना प्रतियोगिता के? या वे कहना चाहते हैं कि धोनी नहीं वरन् कुंबले की जगह वे लेना चाहते हैं?
On 02, Jun 2008 | 2 Comments | In Here & There, इधर उधर की, कतरन | By amit
कुछ दिन पहले छापे लेख पढ़ें अंतर्राष्ट्रीय पत्रिकाएँ फोकट में ….. पर काकेश जी की टिप्पणी आई कि वे पत्रिका नहीं पढ़ पा रहे हैं। मुझे लगा कि ऐसे और भी पाठक हो सकते हैं जो लेख में मौजूद निर्देशों को न समझ पाए हों और इसलिए पत्रिकाएँ पढ़ने में असमर्थ हों, इसलिए सोचा कि इसकी स्क्रीन रिकॉर्डिंग करके डाल दी जाए तो पाठकों को आसानी रहेगी समझने में कि इस जुगाड़ का प्रयोग कैसे करना है। तो इसलिए उस लेख में अब स्क्रीनकॉस्ट लगा दी गई है जिसे आप देख सकते हैं और जिससे आपको आसानी से समझ आ जाएगा कि इस जुगाड़ का लाभ कैसे उठाना है। 🙂 :tup: तो यहाँ क्लिक कीजिए, लेख पढ़िए, वीडियो देखिए और जुगाड़ का लाभ उठाईये। 🙂
पढ़ें अंतर्राष्ट्रीय पत्रिकाएँ फोकट में .....
On 29, May 2008 | 16 Comments | In Here & There, इधर उधर की | By amit
क्या आप पॉपुलर फोटोग्राफ़ी (Popular Photography), कार एण्ड ड्राईवर (Car and Driver), पीसी मैगज़ीन (PC Magazine), मैकवर्ल्ड (Macworld), लोनली प्लैनेट (Lonely Planet), रीडर्स डाइजेस्ट (Reader’s Digest) आदि पत्रिकाएँ फोकटी में पढ़ना चाहते हैं? या फिर प्लेब्वॉय (Playboy) अथवा पेन्टहाउस (Penthouse) जैसी व्यस्कों की पत्रिकाएँ मुफ़्त में पढ़ने के इच्छुक हैं? 😉 😀
On 27, May 2008 | 3 Comments | In कतरन | By amit
ब्लॉग लिख $1000 इनाम पाने का अवसर – लाइमएक्सचेन्ज पर चल रही है प्रतियोगिता – आखिरी तारीख़ 31 मई 2008 – अधिक जानकारी यहाँ है http://is.gd/mjk
On 26, May 2008 | No Comments | In कतरन | By amit
कस्टम अधिकारी बनेंगे कॉपीराइट पुलिस – जाँचेंगे लैपटॉप आदि अनधिकृत और रिप्पड सीडी/डीवीडी के लिए – पुलिसिया समाज की शुरुआत? – http://is.gd/lNL