आज दिल्ली का पहला ब्लॉगकैम्प हो रहा है? क्या आप आ रहे हैं? यदि किसी कारणवश आप नहीं आ पाते हैं तो भी आपको निराश होने की आवश्यकता नहीं है। ब्लॉगकैम्प और बारकैम्प के इतिहास में पहली बार इस ब्लॉगकैम्प का लाइव प्रसारण होगा, टीवी पर नहीं बल्कि इंटरनेट पर। यह प्रसारण भारतीय समयानुसार सुबह साढ़े नौ बजे ब्लॉगकैम्प के आरंभ होने पर चालू होगा और आप इसे यहाँ देख सकेंगे।
On 24, May 2008 | 6 Comments | In Blogging, Mindless Rants, Technology, कतरन, टेक्नॉलोजी, ब्लॉगिंग | By amit
दिल्ली का पहला ब्लॉगकैम्प
On 21, May 2008 | 10 Comments | In Blogging, ब्लॉगिंग | By amit
यदि कोई मुझसे पूछेगा कि अमिताभ बच्चन, आमिर खान और जैकी श्रॉफ़ में क्या साझा है तो मैं उत्तर दूँगा कि इन सबके ब्लॉग हैं और अब आप इनसे सीधी बात कर सकते हैं! 😉
दो वर्ष पहले चेन्नई में हुए भारत के पहले ब्लॉगकैम्प के बाद भारत के भिन्न शहरों में ब्लॉगकैम्प हो लिए लेकिन भारत की राजधानी दिल्ली में अभी तक अकाल रहा। दिल्ली, वह शहर जहाँ भारत का पहला बारकैम्प हुआ था में अभी तक कोई ब्लॉगकैम्प नहीं हुआ है। बहरहाल, अब ऐसा नहीं रहेगा। इंडियन ब्लॉग एण्ड न्यू मीडिया सोसाईटी, दिल्ली ब्लॉग एण्ड न्यू मीडिया सोसाईटी के सहयोग से, आयोजित कर रही है दिल्ली का पहला ब्लॉगकैम्प। ब्लॉगकैम्प पर हम सब एकत्र होंगे और चर्चा करेंगे तथा एक दूसरे के विचार जानेंगे ब्लॉगिंग और उससे जुड़ी तकनीकों और चलन पर। ब्लॉगिंग से जुड़े विभिन्न आयामों, जैसे फोटो-ब्लॉगिंग वीडियो ब्लॉगिंग माइक्रो-ब्लॉगिंग ब्लॉग मार्केटिंग आदि, को कवर किया जाएगा। ब्लॉगिंग के बुनियादी/शुरुआती मुद्दों से लेकर भिन्न तकनीकी और गैर-तकनीकी मुद्दो पर वर्कशॉप होंगी।
अब मोबाइल फोन पर बुक कराएँ सिनेमा की टिकट.....
On 19, May 2008 | 3 Comments | In Movies, Reviews, Technology, टेक्नॉलोजी, समीक्षाएँ, फ़िल्में | By amit
अभी कुछ दिन पहले ऑयरन मैन की समीक्षा के दौरान मैंने बुकमाईशो.कॉम के मोबाइल सॉफ़्टवेयर का ज़िक्र किया था कि कैसे मैंने बिना कंप्यूटर के बाज़ार में बैठे हुए मोबाइल फोन पर फिल्म की टिकट बुक करवाई थी। यह पहला वाक्या था जब मैंने मोबाइल पर टिकट बुक करवाई थी।
फिल्म देखने जाना हो तो अभी तक सिनेमा जाकर हाथों हाथ टिकट ली जाती थी, अमूमन टिकट मिल ही जाया करती थी। पहले से एडवांस में टिकट मैंने आखिरी बार आमिर खान की फिल्म “लगान” के लिए ली थी जब एक सप्ताह बाद की टिकट बुक कराने के लिए सिनेमा पर एक घंटा कतार में खड़ा रहना पड़ा था!! 😮 उसके बाद कभी एडवांस में सिनेमा से टिकट लेने का इत्तेफ़ाक नहीं हुआ।
On 17, May 2008 | 6 Comments | In Technology, कतरन, टेक्नॉलोजी | By amit
ऐसे ही इंटरनेट पर टहलते हुए कहीं लिंक मिला और खबर पढ़ी कि गूगल का स्ट्रीट व्यू (Street View) कब का लाँच हो चुका। अब इस प्रोजेक्ट के बारे में तो काफ़ी पहले से पता था कि गूगल अपनी कैमरा सज्जित गाड़ियाँ शहरों में दौड़ाएगा जो कि सभी गली नुक्कड़ों की तस्वीरें उतारती जाएँगी, लेकिन यह न पता था कि यह प्रोजेक्ट अब ऑनलाईन जनता के दर्शनार्थ उपलब्ध भी है। बहरहाल अभी सिर्फ़ अमेरिकी शहर न्यू यार्क (New York) की ही तस्वीरें उपलब्ध हैं, तो मैंने सोचा कि इसे आज़माया जाए और सीधे ही टाइम्स स्कवेयर खोजा। 😉 नक्शा प्रकट हुआ और उसी में नीचे स्ट्रीट व्यू का लिंक दिखा, क्लिक किया तो एकदम बढ़िया डिटेल वाली तस्वीरें दिखाई दीं जिनको माउस के ज़रिए दाएँ-बाएँ उपर-नीचे खींच के उस जगह का नज़ारा भी देखा जा सकता है। साथ ही एक पीले रंग की मार्गदर्शक पट्टी भी आती है जिस पर होते हुए कहीं भी जाया जा सकता है। भई इस तरह तो घर बैठे आप पूरे न्यू यार्क का नज़ारा कर सकते हैं!! 😉 :tup: वाकई बढ़िया चीज़ है, जैसे-२ और शहरों की तस्वीरें आती जाएँगी वैसे-२ बिना वहाँ जाए आप वहाँ का नज़ारा कर पाएँगे!!
आओ बनाएँ जीमेल सुन्दर.....
On 17, May 2008 | 11 Comments | In Technology, टेक्नॉलोजी | By amit
जीमेल (GMail), गूगल बाबा की फोकटी ईमेल सेवा, जब से यह आई तब से इंटरनेट की ईमेल सेवाओं में एक तरह का इंक़लाब आ गया। आज की तारीख़ में जिससे मिलो उसके पास एक जीमेल खाता होता है, सैकड़ों हज़ारों में जाकर कोई टकराता है जिसके पास जीमेल खाता न हो।
लेकिन जीमेल जब चार वर्ष पहले लाँच हुई थी तब से लेकर आज तक दिखने में लगभग वैसी ही है, साज सज्जा में कोई खास बदलाव नहीं आया है!! क्या आप एक सी जीमेल की साज-सज्जा को देख-२ बोर नहीं हो गए हैं? भई मैं तो हो गया इसलिए मैंने सोचा कि इसको सुन्दर बनाने का कोई न कोई जुगाड़ तो होगा ही। और लो, उपाय मिल गया और जीमेल दिखने में सुन्दर हो गया। क्या आप सोच रहे हैं कि कहाँ और कैसे सुन्दर हुआ? तो यह देखिए:
मूर्ख गुरु और अनपढ़ डॉक्टर!!
On 16, May 2008 | 9 Comments | In Mindless Rants, Satire, Technology, टेक्नॉलोजी, व्यंग्य, फ़ालतू बड़बड़ | By amit
आजकल हाल ये है कि कोई भी किसी भी चीज़ का गुरु बन जाता है, चाहे विषय के बारे में धेला नहीं पता हो लेकिन गुरु बन जाते हैं, जैसे मार्केटिंग गुरु, एडवरटाइज़िंग गुरु, मैनेजमेन्ट गुरु, टेक्नॉलोजी गुरु! अब इन्हीं को लीजिए, कुछ दिन पहले एक बड़े अख़बार में एक गैजेट गुरु (Gadget Guru) को पढ़ा, जनाब कैमरों पर क्या कमाल का ज्ञान रखते हैं और क्या कमाल की सलाह दे रहे थे, अपन तो भई क्लीन बोल्ड हो गए!! 🙄
खुदा के लिए.....
काफ़ी दिनों से सोच रहा था कि कुछ समय पहले रिलीज़ हुई पाकिस्तानी फिल्म खुदा के लिए देखकर आऊँ, हर जगह से इसकी तारीफ़ सुनने में आ रही थी कि बहुत अच्छी फिल्म बनाई गई है। और फिर एन्सी ने भी इसकी जबर्दस्त समीक्षा लिख दी तो लगा कि अब तो देख ही लेनी चाहिए। आशीष तो साथ चलने को तैयार न हुआ, उसके खाली दिमाग में हिन्दी फिल्में नहीं घुसतीं, कहता है कि इमोशन्स का ओवरडोज़ हो जाता है। 😀 इधर नए-२ बरबाद हुए मदन का मुझे फोन आया तो मैंने सोचा कि चलो साथ चलने के लिए बंदा तो मिल गया क्योंकि मदन बाबू ठहरे ज़मीन से जुड़े हुए, उनको हिन्दी फिल्में ज़्यादा पसंद हैं, अंग्रेज़ी फिल्में सिर्फ़ मार-धाड़ की ही पसंद हैं क्योंकि उसमें समझने के लिए डॉयलाग नहीं होते!! 😀 तो बस अपन टिकट तो ऑनलाईन ही बुक करा लिए, फिल्म नोएडा देखने जाना पड़ा क्योंकि दिल्ली वाले टैम अपने हिसाब से माफ़िक नहीं थे। लेकिन मार पड़े बेवजह के ट्रैफिक जामों को कि शॉर्टकट लेते-२ भी बीस मिनट की देरी से पहुँचे!! मदन बाबू तो किलस लिए, बोले कि कभी इतनी तेज़ मोटरसाइकल नहीं भगाई उन्होंने जितनी तेज़ मेरा पीछा करते हुए भगाई, रास्ते का तो ध्यान ही कहाँ रहा उनको कि कौन से रास्ते से आए, बस मेरी मोटरसाइकल के पीछे-२ बदस्तूर मिलते ट्रैफिक में अपनी मोटरसाइकल भगाते चले आए!! 😉
ऑयरन मैन
ऑयरन मैन (Iron Man) कॉमिक्स का एक काल्पनिक पात्र है जो कि सुपर हीरो है। मारवल कॉमिक्स(वही कॉमिक्स जिसमें स्पाइडरमैन की कॉमिक्स भी प्रकाशित होती हैं) का यह पात्र वर्षों से बच्चों को मोहित करता आ रहा है, इस पर कार्टून सीरियल भी बने। इस तरह के काल्पनिक कॉमिक्स के पात्रों पर बनी हॉलीवुड की फिल्में मुझे खासी पसंद हैं, स्पाइडरमैन भी पसंद आई, बैटमैन भी पसंद आई, और अब हाल ही में यह ऑयरन मैन भी रिलीज़ हुई।
आओ डेस्कटॉप पर लाएँ वेब सेवाएँ
On 13, May 2008 | 3 Comments | In Technology, टेक्नॉलोजी | By amit
कुछ समय पहले मैंने अडोबी की हवा यानि कि अडोबी एयर (Adobe AIR) के बारे में लिखा था और ट्विट्टर के लिए जुगाड़ बताए थे तथा गूगल एनालिटिक्स का भी जुगाड़ बताया था। अडोबी एयर भी वेब सेवाओं (Web Services) को डेस्कटॉप पर लाने का ही जुगाड़ है लेकिन इसकी एक खामी यह है कि इसमें सीधे-२ किसी भी मौजूदा वेब-सेवा को डेस्कटॉप सॉफ़्टवेयर की तरह नहीं प्रयोग कर सकते, उस वेब सेवा के लिए अडोबी एयर का सॉफ़्टवेयर होना आवश्यक है। लेकिन यदि हमें कोई वेब सेवा खासी प्रिय है और वह अधिक लोकप्रिय नहीं तो क्या उसके लिए कोई जुगाड़ न होगा?
ग्लोबल वॉयसिस सिटिज़न मीडिया समिट 2008
On 12, May 2008 | 2 Comments | In Blogging, ब्लॉगिंग | By amit
फोटो साभार: eCastillo
हर वर्ष ग्लोबल वॉयसिस एक समिट (Summit) यानि कि कॉन्फरेन्स का आयोजन करता है जिसमें ग्लोबल वॉयसिस परिवार के सदस्यजन ब्लॉगरों, तकनीकज्ञों, पत्रकारों आदि के एक बड़े समूह से मिलते हैं और आपस में नागरिक मीडिया (Citizen Media) और उसकी उन्नति तथा गतिविधियों आदि पर, खासतौर से उत्तरी अमेरिका और पश्चिमी योरोप के अतिरिक्त अन्य देशों से संबन्धित, आपस में एक दूसरे से ज्ञान बाँटते हैं और चर्चा करते हैं। इंटरनेट के ज़रिए काम करने वाले ग्लोबल वॉयसिस के सदस्यों के लिए यह एक मौका होता है साल में एक बार अन्य सदस्यों से मिलने का और ग्लोबल वॉयसिस की भविष्य की गतिविधियों पर चर्चा के लिए इस दौरान दो दिन की एक बैठक होती है जो कि सिर्फ़ ग्लोबल वॉयसिस के सदस्यों के लिए होती है। पिछली ग्लोबल वॉयसिस की समिट दिसंबर 2006 में नई दिल्ली में हुई थी।