बीते शनिवार, 7 मार्च 2009, को दिल्ली के दूसरे ब्लॉगकैम्प का सफ़ल आयोजन हुआ, अच्छी खासी तादाद में श्रद्धालुओं ने आकर ब्लॉगिंग तथा न्यू मीडिया संबन्धित सत्संग का लाभ उठाया। अनुभवी वक्ताओं ने अपने-२ सत्रों में अपने अनुभवों और ज्ञान को बेहिचक सभी श्रद्धालुओं के साथ बाँटा। 🙂 इस बार फोटोग्राफ़ी पर भी सत्र थे, फोटोग्राफ़ी में रूचि रखने वाले नौसिखियों से लेकर फोटोग्राफ़ी के कुछ गुर जानने वालों तक के स्तर के, तो तीन घंटे के खास फोटोग्राफ़ी के सत्रों में उस पर सार्थक चर्चाएँ हुई। किसी भी अन्य असम्मेलन की भांति माहौल एकदम दोस्ताना था।

सोचा तो मैंने भी था कि इस बार मोबाइल ब्लॉगिंग पर सत्र लूँगा और मोबाइल फोन आदि द्वारा छपास पीड़ा के निवारण आदि पर प्रवचन दूँगा, लेकिन शनिवार सुबह चार बजे तक ऑफिस के काम में लगा रहा और इस कारण अपने सत्र के लिए तैयारी नहीं कर पाया, दो घंटे की नींद लेकर ब्लॉगकैम्प के आयोजन स्थल की ओर रवाना हो गया।

पंगा यह हुआ कि कैमरे में जो स्टोरेज कार्ड लगा था उसमें पिछली बार फाइल ठीक से डिलीट नहीं हुई थी, इसलिए पंगा था जो कि कार्ड को फॉर्मेट करके दूर हो जाता, लेकिन वह मुझे ध्यान नहीं रहा। नतीजा यह निकला कि ब्लॉगकैम्प में जितनी तस्वीरें खींची (तकरीबन 50-60) उसमें से आखिरी की 20-25 तस्वीरें ठीक से स्टोर नहीं हुई, यानि कि उनका बोलो राम हो गया! 🙁

खैर, जितनी तस्वीरें बचीं उनमें से कुछ यहाँ प्रस्तुत हैं:


ब्लॉगकैम्प दिल्ली द्वितीय संस्करण की शुरुआत करते हुए अजय जैन



अपने सत्र के दौरान – हिन्दुस्तान टाइम्स के संपादक श्री माधवन



ब्लॉगकैम्प में पधारे श्रद्धालु लंच के दौरान



एकाग्रता से वक्ताओं को सुनते हुए



एचसीएल (HCL) की मीना वैद्यनाथन के सत्र के दौरान



नोकिआ (Nokia) के जसमीत गांधी के सत्र के दौरान


अब आने वाले शनिवार, 14 मार्च 2009, को होने वाले बंगलूरू के पहले ब्लॉगकैम्प की ओर निगाहें हैं, सत्रों की सूचि से तो लग रहा है कि बंगलूरू का ब्लॉगकैम्प बीते शनिवार को हुए दिल्ली के ब्लॉगकैम्प से भी अधिक रोचक होगा। प्रयास अपना भी है कि इस बार अपने सत्रों की तैयारी पहले से कर लूँ ताकि बंगलूरू वाले ब्लॉगकैम्प में अपने सत्र को न छोड़ना पड़े! :tup: